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बड़ा फैसला: सेना और DRDO के अस्पतालों में भी होगा कोरोना के मरीजों का इलाज


दिल्ली: आपदा में घर-परिवार का हर हिस्सा एक हो जाता है। काम भले कोई हो, लेकिन मुश्किल के वक्त में, परिवार के लोग साथ आ ही जाते हैं। रक्षा मंत्रालय ने इस कोरोना की दूसरी घातक लहर के मद्देनज़र सेना के अस्पतालों को भी जनसेवा में लगाने का मन बना लिया है। रक्षा मंत्री ने इस बारे में निर्देश जारी किए हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना प्रमुख एमएम नरवणे, रक्षा सचिव और डीआरडीओ अध्यक्ष से बात की। उन्होंने आग्रह किया है कि वे सैन्य, कैंट और डीआरडीओ के अस्पतालों में आम नागरिकों को भी इलाज की सुविधाएं मुहैया कराएं।

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बता दें कि देश में इस वक्त हालात बड़े ही नाज़ुक दौर से गुज़र रहे हैं। कई राज्य लॉकडाउन के बारे में सोच रहे हैं तो कहीं पर वीकेंड लॉकडाउन या कर्फ्यू लगाया गया है। घातक यह बात है कि मरीजों के बढ़ने के साथ अस्पतालों में बेड, वेंटीलेटर्स और ऑक्सीजन की कमी देखी जा रही है। यही कारण है कि अब रक्षा मंत्रालय भी सक्रिय हो गया है।

रक्षा मंत्री ने भारतीय सेना के सभी लोकल कमांडर्स को निर्देशित किया है कि वे अपने प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से मिलकर उनकी सहायता करें। इसी तरह रक्षा सचिव को आदेश दिया गया है कि वह कैंट बोर्ड के सारे अस्पतालों में आम नागरिकों का भी इलाज करें।

कुल मिलाकर रक्षा मंत्रालय की तरफ से यह साफ हो गया है कि अब सेना के अस्पतालों में भी आम आदमी अपना इलाज करा सकेंगे। बता दें कि देश भर में सेना के 67 अस्पताल हैं। लिहाजा देखा जाए तो देश में संक्रमित मरीजों की कुल संख्या बढ़कर 1,53,21,089 हो गई है। वहीं कोविड से अब तक 1,80,530 लोगों की जान जा चुकी है। माहौल वाकई भयावह है।

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