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जमात और रोहिंग्या के रिश्तों पर बड़ा खुलासा- गृह मंत्रालय ने राज्यों को दिए निर्देश


नई दिल्ली: पिछले महीने दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित मरकज में तबलीगी जमात के समारोह का हिस्सा बने कई लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए। उनके संपर्क में आए अन्य भी इस वायरस की चपेट में आ गए। लगभग हर राज्य से जमातियों में कोरोना वायरस पाया गया है। खतरे को बढ़ता देख गृह मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाया है। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को चिट्ठी लिखकर निर्देश दिया है कि रोहिंग्या और तबलीगी जमात के बीच कनेक्शन की जांच हो। इसके लिए रोहिंग्या मुस्लिम और उनके संबंधियों का भी कोविड-19 टेस्ट होना चाहिए। गृह मंत्रालय ने यह भी कहा है कि इसके संबंध में लापरवाही बिल्कुल ना करें।

इस पत्र में लिखा गया है कि ऐसी रिपोर्ट सामने आई है कि रोहिंग्या मुसलमान तबलीगी जमात के इज्तिमा और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों का हिस्सा बनें थे।ऐसे में वह भी कोरोना वायरस की चपेट में आ सकते हैं।इसकी पूरी आशंका है ।रोहिंग्या कैंप हैदराबाद में भी हैं।

तेलंगाना में रहने वाले रोहिंग्या समुदाय के लोगों ने तबलीगी जमात के हरियाणा के मेवात में आयोजित समारोह में हिस्सा लिया था। इसके बाद वह लोग दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज पहुंचे थे। रोहिंग्या समुदाय से जुड़े लोग श्रम विहार और शाहीनबाग भी जाने की खबर है।

गृह मंत्रालय की चिट्ठी के मुताबिक रोहिंग्या समुदाय के लोग तबलीगी जमात के जलसे जो डेराबस्सी पंजाब, जम्मू और कश्मीर में भी शामिल हुए थे। तबलीगी जमात से लिंक होने की वजह से रोहिंग्या मुसलमानों और उनके परिचितों का कोविड-19 टेस्ट कराना बेहद जरूरी है। यह पत्र डिप्टी सचिव, इंटर्नल सिक्योरिटी डिवीजन 1 श्रीनिवासु द्वारा लिखा गया है। इस चिट्ठी को मुख्य सचिवों और सलाहकारों के साथ-साथ डीजीपी और दिल्ली के कमिश्नर ऑफ पुलिस को भी भेजा गया है।

बता दें कि दिल्ली पुलिस ने जमात के मौलाना मोहम्मद साद समेत कई लोगों पर गैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज किया है। जमात में शामिल 1890 विदेशी नागरिकों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है।पुलिस का कहना है कि इन लोगों ने वीजा नियमों का उल्लंघन किया था और कार्यक्रम में शामिल हुए थे। पुलिस ने मरकज से 2300 से अधिक लोगों को बाहर निकाला था, जिनमें 500 से अधिक विदेशी थे।

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