नई दिल्ली: सियाचिन से एक बुरी खबर सामने आ रही है। जवान कैलाश पवार शहीद हो गए हैं। वह एक साल बाद घर जा रहे थे। उनकी 6 महीने की छुट्टी अप्रूव हो गई थी लेकिन रास्ते हुए हादसे में उनकी जान चले गई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बर्फीली पहाड़ी पर पैर फिसलने के कारण वो नीचे गिर गए थे। पीछे मां, पिता, बड़ा भाई और छोटी बहन को छोड़ गए हैं। उनका पार्थिव शरीर चिखली ले जाया जाएगा, जहां राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी।
चिखली स्थित पुंडलिक नगर में रहने वाले कैलास भारत पवार पिछले साल 2 अगस्त 2020 से 10 महार बटालियन में तैनात थे। 1 अगस्त को सियाचिन में उनकी ड्यूटी खत्म हुई थी और 6 महीने की छुट्टी मिली थी। वह घर जाने के लिए साथियों के साथ कैलास सियाचीन ग्लेशियर के बर्फीले पहाड़ी से उतर रहे थे। इसी दौरान उनका पैर फिसल गया और वह चोटिल हो गए। उन्हें लद्दाख के हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया लेकिन उनका निधन हो गया।
सियाचिन ग्लेशियर तैनाती सबसे ज्यादा मुश्किल मानी जाती है। अपने देश सेवा के लिए जवान चौकस रहते हैं और चीनी और पाकिस्तानी गतिविधियों पर नजर रखते हैं। इसके अलावा इन परिस्थितियों में वह जंग लड़ सके,इसके लिए युद्ध अभ्यास भी होता है।