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उत्तराखंड में अब इस तरीके से बांटा जाएगा सरकारी राशन, महिलाएं निभाएंगी बड़ी जिम्मेदारी

देहरादून: प्रदेश में राशन वितरण को लेकर नई गाइडलाईन जारी कर दी गई है। टेक होम राशन व्यवस्था के कारण चल रहे मसले में इन गाइडलाइन को बड़ा कदम माना जा रहा है। दरअसल उत्तराखंड में आंगनबाड़ी केंद्रों पर बंटने वाला टेक होम राशन, महिला स्वयं सहायता समूह ही वितरित करेंगी।

दरअसल प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों, गर्भवती व धात्री महिलाओं को दिए जाने वाले टेक होम राशन (टीएचआर) की व्यवस्था पर मामला काफी गरम हो गया था। प्रदेश सरकार ने टेक होम राशन वितरण को टेंडर आमंत्रित किए गए। महिला स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं ने इसका विरोध किया।

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मगर अब हर पहलू को देखते हुए सरकार के महिला बाल विकास विभाग ने ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया भी निरस्त कर दी है। बता दें कि इससे पहले हाईकोर्ट ने इस टेंडर प्रक्रिया पर रोक लगाने के आदेश दिए थे। जिसके बाद राज्य सरकार ने ये फैसला किया है।

अगर टेंडर प्रक्रिया पूरी होती तो टेक होम राशन वितरण प्रक्रिया में निजी कंपनियों को मौका दिया जाता। जिससे महिला स्वयं सहायता समूहों को नुकसान होता। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। फिलहाल मौजूदा व्यवस्था ही बरकरार रहेगी।

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कैबिनेट के निर्णय के क्रम में शासन ने इस सिलसिले में आदेश भी जारी कर दिए हैं। विभागीय सचिव एचसी सेमवाल की तरफ से ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया निरस्त करने और पूर्ववर्ती व्यवस्था जारी रखने के आदेश जारी किए गए हैं। प्रदेश में 154 महिला स्वयं सहायता समूहों को टीएचआर वितरण का जिम्मा सौंपा गया है। 

विभाग के अनुसार, 16 अगस्त को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में भी टीएचआर के मसले पर चर्चा हुई। जिसमें फिलहाल पुरानी व्यवस्था बरकरार रखने का निर्णय लिया गया। विभाग ने राज्य की भौगोलिक जरूरत के अनुसार योजना के स्वरूप में बदलाव के लिए केंद्र को पत्र लिखने का भी निर्णय लिया है। 

गौरतलब हो कि केंद्र सरकार ने टीएचआर की वितरण की नई व्यवस्था के तहत पोषक तत्वों से युक्त अनुपूरक पोषाहार निरंतर उपलब्ध कराने और लैब में परीक्षण के बाद ही पोषाहार वितरित करने के निर्देश दिए।

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