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बिना कोरोना रिपोर्ट व पंजीकरण के यात्री भरकर उत्तराखंड में आ गई निजी बस, विभाग ने सिखाया सबक

बिना कोरोना रिपोर्ट व पंजीकरण के यात्री भरकर उत्तराखंड में आ गई निजी बस, विभाग ने सिखाया सबक

देहरादून: प्रदेश में कोरोना की रफ्तार कम ज़रूर हुई है मगर अब भी संक्रमण पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। इसी कारण प्रदेश में प्रवेश पाने के लिए सरकार ने अब भी कोविड नेगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता जारी रखी है। मगर इसी बीच एक निजी बस को हरिद्वार रोड पर पकड़ा गया जिसमें बैठी 74 सवारियों के पास ना तो पंजीकरण पत्र था और ना ही कोरोना जांच रिपोर्ट थी।

उत्तराखंड में प्रवेश पाने के लिए कोरोना जांच रिपोर्ट व स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीयन की अनिवार्यता है। लेकिन इन नियमों की अवहेलना करते हुए बाहरी राज्यों से डग्गामार निजी बसें यात्रियों को बेधड़क यहां पहुंचा रहीं हैं।

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दरअसल सोमवार को एक निजी बस दिल्ली से उत्तर प्रदेश की सीमा से होकर हरिद्वार होते हुए देहरादून पहुंची थी। पहले तो बस में 42 सीटों के सापेक्ष 74 यात्री बैठी हुईं थी। ऊपर से यात्रियों के पास न तो कोरोना की रिपोर्ट थी और न ही उनका प्रदेश में आने का पंजीयन था।

ऐसे में परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम द्वारा यात्रियों समेत बस को आशारोड़ी चेकपोस्ट ले जाया गया। जहां यात्रियों का एंटीजन टेस्ट एवं पंजीयन कराया गया। इसके बाद उन्हें जाने दिया गया। लाजमी है कि इस तरह से बसों के आने से प्रदेश में कोरोना के फैलने का खतरा बढ़ सकता है।

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आरटीओ प्रवर्तन संदीप सैनी के मुताबिक उत्तर प्रदेश द्वारा अंतरराज्यीय बस परिवहन पर रोक लगाने के बावजूद भी निजी बसें हिना संकोच संचालित हो रहीं हैं। उत्तर प्रदेश रोडवेज बसों को चलने नहीं दे रहा और निजी बसें उत्तर प्रदेश की सीमा में होकर उत्तराखंड आ रही हैं।

लिहाजा दिल्ली, आगरा, जयपुर, गोरखपुर समेत लखीमपुर तक से निजी बसें यहां आने की शिकायतें मिल रहीं। बीते हफ्ते भी चार बस सीज की गईं थी। प्रवर्तन टीमों ने यातायात व परिवहन नियम तोड़ने वाले 36 वाहनों का चालान भी किया।

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