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यूं ही नहीं कहते उत्तराखंड को सैन्यभूमि, देश को दिए दो सीडीएस, खास है कनेक्शन

देहरादून: उत्तराखंड को देवभूमि के साथ साथ सैन्यभूमि का दर्जा भी मिल चुका है। राज्य के युवाओं में सेना में शामिल होकर देश सेवा करने की एक अलग ही ललक है। जो उत्तराखंड को बाकी राज्यों के अलग बनाती है। सैन्यभूमि उत्तराखंड का मान एक बार फिर पूरे देश में बढ़ा है। पौड़ी गढ़वाल के निवासी लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेनि) सीडीएस बन गए हैं।

बता दें कि बीते दिन लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (रि.) को देश के दूसरे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के रूप में नियुक्ति मिली है। खास बात यह है कि देश के पहले सीडीएस स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत भी उत्तराखंड से थे। सशस्त्र सेनाओं के सबसे बड़े पद पर अब एक के बाद एक, दो उत्तराखंडी पहुंच चुके हैं। जो कहीं ना कहीं सैन्यभूमि के लिए गौरव की बात है।

संयोग देखिए कि दोनों उत्तराखंड से तो हैं ही। मगर प्रदेश के पौड़ी जिले से ही दोनों आते हैं। बता दें कि नवनियुक्त सीडीएस मूलरूप से पौड़ी जिले के खिर्सू ब्लाक के ग्रामसभा रामपुर कांडा गंवाणा निवासी हैं। वर्तमान में उनका परिवार दिल्ली में रहता है। गौरतलब है कि जनवरी 2020 में थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को देश के पहली सीडीएस नियुक्त किया गया था। मगर विगत वर्ष दिसंबर में हेलीकॉप्टर हादसे में उनका निधन हो गया था। उनके निधन के बाद अब देश को नए सीडीएस मिले हैं। उम्मीद है कि सीडीएस बिपिन रावत के कामों को वह पूरा करेंगे।

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