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पहली बार दोनों सदनों के 141 सांसद निलंबित, टूट गए सभी पुराने रिकॉर्ड


National News: जब 13 दिसंबर 2023 को संसद पर 22 साल पहले हुए आतंकी हमले में अपने प्राण न्योछावर करने वाले सभी वीर सैनिकों को श्रद्धासुमन अर्पित किए जा रहे थे, उसी दिन यानी 13 दिसंबर 2023 को दर्शकदीर्घा से छलांग लगाकर अराजकता फैलाने के उद्देश्य से एक व्यक्ति सभी सांसदों के बीच जा पहुंचा, जहाँ उसने अपने जूते में छिपाया ‘स्मोक कैन’ निकाल कर संसद की सुरक्षा और केंद्रीय सूचना संस्थाओं की सतर्कता पर सेंध और प्रश्नचिह्न लगाने का काम किया।

अचानक घटी इस घटना से लोक सभा एवं राज्य सभा में उपस्थित सभी जन प्रतिनिधि दहशत में तो थे, साथ ही गृह मंत्री और प्रधानमंत्री से संसद की सुरक्षा में हुई इतनी बड़ी चूक पर अधिकृत बयान देकर सभी सांसदों को आश्वस्त करने की मांग कर रहे थे। संसद की सुरक्षा की जिम्मेदारी अपर सचिव की होती है जिससे गृह मंत्रालय या प्रधानमंत्री कार्यालय का कोई सम्बन्ध नहीं होता और वर्त्तमान में लोकसभा का संचालन कर रहे स्पीकर ओम बिरला ने विपक्ष की मांग पर संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश जारी किए। इस पूरी घटना की बारीक से बारीक जानकारी की खोज करने के आदेश दे दिए।

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वहीं सदन में हो रहा हंगामा केवल शीतकालीन सत्र तक ही सीमित नहीं रहा है। हर सत्र में विपक्ष ने कोई ना कोई मुद्दा उठाकर सदन की कार्यवाही में बाधा उत्पन्न की है पर इस बार सदन की सुरक्षा में हुई चूक के लिए मैसूर से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के हस्ताक्षर का सहारा लिया गया जिसने विपक्ष के आक्रोश को अनियंत्रित रूप से बढ़ा दिया। अपने प्रदर्शन से सदन की कार्यवाही ठप करने के लिए पूरे वर्ष सुर्ख़ियों में रहे विपक्ष ने इस बार भी वही हथकंडा अपनाया और प्रदर्शन पर उतरकर एक-एक नियम और सदन की मर्यादा का पूर्ण रूप से उल्लंघन किया।

स्पीकर द्वारा लगातार मिल रही चेतावनियों को भी अनसुना करना इस बार विपक्ष को बहुत भारी पड़ा। लोकसभा से 33 सांसद व राज्य सभा से 45 सांसद एक ही दिन में निष्कासित कर दिए गए जबकि इस सत्र में लोक सभा से 13 और राज्य सभा से 1 सांसद को पहले ही निष्कासित किया जा चुका है, जिसमे सबसे ज़्यादा कांग्रेस, टीएमसी और डीएमके के सांसद हैं। एक सत्र में 92 सांसदों का निष्कासित होना विपक्ष द्वारा लोकतंत्र की हत्या बताया जा रहा है और भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा पर कोई भी कार्यवाही का ना होना भी विपक्षी नेताओं की आँखों में कंकड़ बनकर चुभ रहा है।

आज फिर 49 सांसदों को लोकसभा से किया गया निष्कासित

लगातार 3 दिनों से सांसदों का लोक सभा एवं राज्य सभा से निलंबन जारी है जिसमें 18 दिसंबर को 78 सांसदों के निलंबन की बड़ी खबर सामने आई थी जिसका मुख्य कारण संसद के नियमों का उल्लंघन, संसदीय गरिमा को भांग करना एवं उनके अनियंत्रित विरोध प्रदर्शन को बताया गया था, पर मोदी सरकार से पूरी तरह नाराज़ विपक्ष ने आज 19 दिसंबर को भी कल की घटना से कोई सीख नहीं ली और अपने प्रदर्शन से संसदीय कार्यवाही को रोकने की लगातार कोशिश की, जिसके कारण आज भी अब तक 49 सांसदों का निलंबन हो चुका है।

सांसदों के साथ हंसी मज़ाक से राज्यसभा का वातावरण संतुलित रखने में मुख्य भूमिका निभाने वाले राज्यसभा के स्पीकर और देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने असभ्य प्रदर्शन की कठोर शब्दों में निंदा करते हुए टीएमसी के वरिष्ठ नेता कल्याण बनर्जी द्वारा उनकी नक़ल उतारने को हद पार करने वाला बताया।

सदन से निष्कासित होने पर INDI एलाइंस के दलों के सांसदों ने सदन के बाहर एकत्रित होकर उपराष्ट्रपति का उपहास किया जिसमें टीएमसी के वरिष्ठ नेता कल्याण बनर्जी जगदीप धनखड़ के संचालन की नक़ल उतारते हुए नज़र आए, जब सभी सांसदगण ठहाके लगाकर हंस रहे थे वहीँ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व् पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी भी इस दौरान उपस्थित थे और टीएमसी सांसद द्वारा उतारी जा रही नक़ल को देख रहे थे। इस घटना का वीडियो जब जगदीप धनखड़ को मिला तो उनहोंने कठोर शब्दों में इसकी निंदा करते हुए सदन में ऑन रिकॉर्ड सभी निलंबित सांसदों की नैतिकता और समझ में आई गिरावट को सारी हदें पार करने वाला बताया।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कल बताया था कि जब सांसदों के असभ्य विरोध प्रदर्शन के बाद निलंबन की कार्यवाही शुरू की गई तो राज्यसभा स्पीकर जगदीप धनखड़ ने नेता सदन और नेता प्रतिपक्ष को अपने दफ्तर में बुलाया पर नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आने से साफ़ इंकार कर दिया जो स्पीकर की गरिमा और आदर की अवमानना थी। स्पीकर पर निशाना साध रहे विपक्षी नेता इसे निलंबन की कार्यवाही को सदन की सुरक्षा में हुई चूक पर पर्दा डालने व् दोनों सभा के स्पीकर द्वारा सरकार को खुश करने के लिए हो रही कार्यवाही बता रहे हैं।

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