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उत्तराखंड के कॉलेजों में छात्रों को कोरोना टेस्ट करवाना ज़रूरी, सरकार ने की SOP जारी


हल्द्वानी: नवंबर के महीने से ही उत्तराखंड में पहले सरकारी और फिर प्राइवेट स्कूल खुल गए थे। उसके बाद कोचिंग संस्थानों को भी खोले जाने की अनुमति दे दी गई थी। हालांकि अभी तक उच्च शिक्षण संस्थान यानी की विश्वविद्यालय व डिग्री कॉलेजों के खुलने का फैसला नहीं हो पाया था। मगर बीते दिनों हुई उत्तराखंड सरकार की कैबिनेट बैठक में इस संबंध में भी फैसला ले लिया गया। यह तय किया गया कि 15 दिसंबर से उच्च शिक्षण संस्थान भी खोले जाएंगे।

इसके चलते मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने एसओपी भी जारी कर दी है। जानकारी के अनुसार प्रैक्टिकल वाले सब्जेक्ट्स की क्लासेज़ पहले व अनित्म सेमेस्टर में लगेंगी। थ्योरी वाले विषयों को ऑनलाइन पढ़ाया जाएगा। एसओपी में बताया गया है कि छात्र छात्राओं की कॉलेजों में उपस्थिति के लिए अभिभावकों की सहमति को तरजीह दी जाएगी। इसके अलावा ऐसे छात्रों को कोविड -19 RT-PCR टेस्ट भी होगा जो बाहरी राज्यों से आए हैं, जिन्हें छात्रावास में रहना है या डे स्कॉलर्स के लिए आए हैं।

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बहरहाल ऑनलाइन पढ़ाई के फैसले की बात करें तो सरकार ने पूरा दायित्व प्राचार्य, प्रबंधन समिति और कुलपति को सौंपा है। यही मुख्य लोग कॉलेज और विश्विविद्यालय की स्थिति देख अंटम फैसला तय करेंगे। इसके अलावा बता दें कि फिलहाल उच्च शिक्षण संस्थान सिर्फ 50 फीसदी क्षमता के साथ ही खोले जाने है। 50 प्रतिशत से ज़्यादा छात्रों को कॉलेज में एक बार में नहीं बुलाया जाएगा।

संचालन की बात करें तो कोरोना महामारी आते से ही सभी संस्थान में पढ़ाई से लेे कर हरेक कार्य स्थगित थे। बच्चों के भविष्य पर भी खासा असर पड़ रहा था। अब चालू शैक्षिक सत्र में आठ महीने बाद ही सही मगर सरकार की ओर से उच्च व तकनीकी शिक्षण संस्थान खोलने का फैसला ले लिया गया है। यह फैसला 9 दिसंबर को हुई कैबिनेट मीटिंग में लिया गया। सरकार ने एसओपी जारी की है और सभी संस्थानों को नियमों का अच्छे से पालन करने के निर्देश दिए हैं।

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इसके अलावा SOP के कुछ मुख्य बिंदु और भी रहे। जैसे कक्षाओं का संचालन पालियों में होगा, सेक्शन की संख्या बढ़ेगी, वैकल्पिक दिनों में कक्षाएं संचालित की जाएंगी। साथ ही विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में सैनिटाइजेशन किया जाएगा। इसके अलावा प्रवेश के समय मुख्य द्वार पर सामाईक दूरी का पालन और कॉलेजों में भी छात्रों के बीच 6 फीट दूरी का पालन कराया जाएगा।

सरकार ने बाहरी व्यक्तियों की आवाजाही पर भी कॉलेजों में रोक लगाई है। इसके साथ ही शिक्षक भी इधर उधर भ्रमण नहीं कर सकेंगे। सभी विभागों व छात्र-छात्राओं को चरणबद्ध रूप से बैच में बुलाया जाएगा। ताकि पचास फीसदी अटेंडेंस का ध्यान रखा जा सके।

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