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अल्मोड़ा जैंती के सुंदर बोरा ने पांच साल की उम्र में पिता को खोया, अब बने लेफ्टिनेंट

अल्मोड़ा: देवभूमि के छोटे छोटे गांवों, कस्बों से प्रतिभाशाली युवाओं के आगे आकर अपनी पहचान बनाने का सिलसिला जारी रहता है। इसे एक कदम आगे बढ़ाने का काम अल्मोड़ा के जैंती के रहने वाले सुंदर सिंह बोरा ने किया है। कम उम्र में अपने पिता को खोने वाले सुंदर अपनी मेहनत और लगन के बलबूते भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गए हैं।

अल्मोड़ा जिले के 11 सालम पट्टी के दाड़िमी जैंती निवासी सुंदर बोरा के भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनने के बाद परिवार और आस पड़ोस में खुशी का माहौल है। गौरतलब है कि सुंदर सिंह वर्ष 2015 में बंगाल इंजीनियरिंग कोर में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। अपनी प्राथमिक शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर से पूरी करने के बाग सुंदर ने 10वीं तथा 12वीं की शिक्षा सर्वोदय इंटर कॉलेज जैंती से पूरी की।

सुंदर हमेशा से फौज में शामिल होना चाहते थे। यही जुनून था जो उन्होंने राजकीय पॉलिटेक्निक कांडा (बागेश्वर) में एक साल मैकेनिकल इंजीनियरिंग से पॉलिटेक्निक करते हुए आर्मी में भर्ती होने का सफर तय किया। साल 2018 में सुंदर ने आर्मी कैडेट कॉलेज में तीन तथा एक साल आईएमए की पढ़ाई कर पैराशूट रेजीमेंट में लेफ्टिनेंट के पद पर बेंगलुरु में तैनात हुए हैं।

सुंदर सिंह बोरा की सफलता को आकार देने वाले उनके शिक्षक तारा सिंह बिष्ट का कहना है कि सुंदर ने पांच वर्ष की उम्र में अपने पिता राजेन्द्र सिंह बोरा को खो दिया था। सुंदर सिंह बोरा आर्मी कैडेट कॉलेज के 69 अफसर कैडेटस में सबसे बेस्ट मोटिवेटेड अफसर कैडेट तथा क्रॉस कंट्री में गोल्ड मेडलिस्ट रहे। इधर, सुंदर सिंह बोरा ने इस उपलब्धि का श्रेय अपनी माता कलावती देवी व गुरुओं को दिया है। हल्द्वानी लाइव की टीम की तरफ से सुंदर को ढेरों शुभकामनाएं।

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