हल्द्वानी: उत्तराखंड में जल्द ही बनने जा रहा है एक विश्वस्तरीय कैंसर इंस्टीट्यूट। प्रदेश में कैंसर के इलाज के लिए विश्व के स्तर की स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए टाटा ट्रस्ट आगे आया है। बता दें कि सांसद व भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी ने इसी संबंध में टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा से आग्रह किया था। जिसके बाद टाटा ने भी इस मामले पर सहमति जताई है। इस संस्थान के हल्द्वानी में बनने की संभावना अधिक मानी जा रही हैं।
उत्तराखंड में मेडिकल सुविधाओं को ले कर भी खासा ध्यान दिया जा रहा है। मेडिकल में एक सबसे खतरनाक बीमारी कैंसर, जिसके इलाज के लिए अधिकतर लोग बाहर जाना ही पसंद करते हैं। ऐसा में अगर यहां कोई विश्वस्तरीय कैंसर संस्थान खुलता है तो वाकई यहां के लोगों के लिए यह खासा फायदेमंद साबित होगा।
हाल ही में सांसद बलूनी ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिख कर टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा का पत्र भी शेयर किया है। इस पत्र में टाटा द्वारा कहा गया है कि आपने उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की स्वास्थ्य सुविधाओं की जरूरत के लिए विश्वस्तरीय सुविधाओं से भरपूर कैंसर संस्थान की ज़रूरत बताई है। इसे आगे टाटा ने कहा कि इस तरह का अस्पताल बनाए जाने की सभी संभावनाओं को तलाशने के लिए टाटा ट्रस्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीनाथ आपके संपर्क में रहेंगे। इस पूरे मामले को लेकर श्रीनाथ को पत्र भी भेज दिया गया है।
रतन टाटा द्वारा यह पत्र जारी करने के बाद, बलूनी ने फेसबुक पर एक वीडियो भी अपलोड किया। इस वीडियो में वे यह कहते पाए जा रहे हैं कि रतन टाटा ने उनके लिखे पत्र का पॉज़िटिव रिस्पॉंस दिया गया है, जो कि एक सकारात्मक बात है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में सरकार बेहतर से बेहतर कैंसर संस्थान खोलने के ओर कदम बढ़ा रहे हैं।
बता दें कि इससे पहले जुलाई 2017 में भी टाटा ट्रस्ट के साथ अनुबंध किया गया था, मगर तब बात नहीं बन पाई। इस संस्थान के हल्द्वानी में बनाए जाने की संभावना जताई जा रही है। इससे उत्तराखंड के कैंसर रोगियों को इलाज के लिए बड़ी राहत मिल जाएगी। इसका अधिक लाभ कुमाऊं व आसपास रहने वाले लोगों को मिलेगा।
अभी कैंसर के इलाज के लिए कुमाऊं क्षेत्र में हल्द्वानी श्रीराम कैंसर इंस्टीट्यूट है, मगर यहां सुविधाओं की खासा कमी है। हालांकि सरकार ने यहां सुविधाएं बढ़ाने के लिए दावे किए हैं, मगर वह अभी जमीन पर नहीं उतर पाए हैं।