Uttarakhand Jihad News: Udhamsingh Nagar Update:
धर्म छिपाकर धोखा देना अन्य किसी भी बड़े अपराध के बराबर है। यह ना केवल परिवार को लगने वाले सदमे का कारण बनता है बल्कि समाज को भी गलत संदेश देता है। हाल ही में उधम सिंह नगर जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां एक मुस्लिम युवक ने अपना धर्म छुपाकर हिंदू युवती से शादी कर ली। यह मामला न केवल महिला के परिवार के लिए सदमे का कारण बना, बल्कि समाज में धर्म का गलत तरीके से इस्तेमाल कर लोगों को धोखा देने की बढ़ती प्रवृत्ति को भी उजागर करता है।
धर्म छुपाकर विवाह की साजिश
यह घटना रुद्रपुर के आदर्श कॉलोनी घास मंडी वार्ड नंबर 36 से सामने आई है, जहां एक दिल्ली निवासी युवक ने अपनी असली पहचान छुपाकर एक हिंदू युवती से शादी की। दिल्ली से आए युवक ने पहले युवती के परिवार को यह बताया कि वह पहाड़ी मूल का कुमाऊंनी है और दिल्ली में कारोबार करता है। परिवार को यह भरोसा दिलाने के लिए उसने अपने घर में हिंदू प्रतीकों का सहारा लिया, जैसे कि मंदिर और हिंदू वेशभूषा। इस धोखे के तहत, दोनों परिवारों ने बिना किसी संदेह के विवाह के लिए सहमति दी और 13 अक्टूबर को रुद्रपुर सिटी क्लब में रिंग सेरेमनी आयोजित की गई।
शादी के बाद हुआ खुलासा
विवाह के दौरान सभी कार्यक्रम हिंदू रीति रिवाज से किए गए, और 10 दिसंबर को बारात भी हिंदू परंपराओं के अनुसार गई। हालांकि, विवाह के बाद जब युवती का परिवार दिल्ली युवक के घर गया, तो वहां की वास्तविकता उनके सामने आई। युवक ने अपना असली धर्म छुपाया था। जब परिवार ने माहौल में बदलाव महसूस किया और मुस्लिम वेशभूषा और रिवाज देखे, तो उनके संदेह की पुष्टि हुई। पता चला कि युवक का असली नाम अमन चौधरी नहीं, बल्कि अमन कुरैशी था, और वह मुस्लिम समुदाय से संबंधित था।
धर्मांतरण का दबाव
विवाह के बाद मेनका पर मुस्लिम समुदाय के आरोपियों ने जानबूझकर धर्मांतरण का दबाव बनाया। यह मामला केवल धोखा देने का नहीं, बल्कि एक गंभीर धार्मिक साजिश का हिस्सा बन गया है, जिससे युवती और उसके परिवार को मानसिक और भावनात्मक रूप से अत्यधिक नुकसान हुआ।
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा, आरोपी की गिरफ्तारी
इस घटना के बाद युवती के परिवार ने पुलिस को सूचना दी, और उनके बयान पर पुलिस ने आरोपी युवक और उसके परिवार के खिलाफ उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2018 के तहत कार्रवाई शुरू की। पुलिस ने आरोपी युवक को हिरासत में ले लिया और इस मामले में दो अन्य आरोपियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया है।
धार्मिक धोखाधड़ी के खिलाफ जागरूकता की आवश्यकता
यह मामला उत्तराखंड में धर्म के नाम पर हो रही धोखाधड़ी और फरेब को लेकर गंभीर सवाल खड़ा करता है। ऐसे मामलों की बढ़ती संख्या समाज में भ्रम और घृणा फैला सकती है। समाज को जागरूक होने की जरूरत है कि धर्म के नाम पर किसी का जीवन नहीं बर्बाद किया जाए। इसे एक कड़ी चेतावनी के रूप में देखा जाना चाहिए, ताकि भविष्य में किसी और निर्दोष व्यक्ति के साथ ऐसा छल न हो सके।