हल्द्वानी: कुमाऊं की पौराणिक लोक कला ऐपण कला युवाओं के दिल में बसने लगी है। हर वर्ग का युवा ऐपण के बारे में जानना चाहता है खासकर महिलाएं। पिछले लंबे वक्त से ऐपण आर्ट का प्रचार प्रसार भी ज्यादा हुआ है। वहीं कई महिलाओं ने इसकों लेकर अपना स्टार्टअप भी शुरू किया है जिसकी पहचान विदेशों में भी बन रही है।
सरकार और प्रशासन ऐपण के माध्यम से महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर रही है। महिलाओं को केंद्र व राज्य सरकार की तरफ से प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इसी के तहत ऐपण कला को अपना स्वरोजगार का माध्यम चुनने वाली महिलाओं को मानव विकास संस्थान कार्यक्रम भारत सरकार द्वारा प्रायोजित और जिला उद्योग केंद्र हल्द्वानी द्वारा ऐपण क्राफ्ट पर आधारित 2 महीने का तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम दिया गया। जिनको भारत सरकार की सहायक निदेशक नंदी बिष्ट द्वारा शिल्पी कार्ड एवं प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए। इन महिलाओं को प्रशिक्षण देने वाली मास्टर ट्रेनर पूजा ने बताया कि पिछले दो माह में जिला उद्योग केंद्र में प्रशिक्षण देने वाली इन दर्जनों महिलाओं को पारंपरिक लक्ष्मी चौकी, गणेश चौकी, सरस्वती चौकी, नौ बिंदु चौकी, विवाह चौकी, वॉल फ्रेमिंग तथा ऐप क्राफ्ट के अन्य कलाओं को सिखाया गया है।
इस बारे में जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक विपिन कुमार का कहना है कि जिला उद्योग केंद्र का लक्ष्य इन महिलाओं को ऐपण कला में प्रोफेशनल बनाकर उन्हें स्वरोजगार के प्रति स्वावलंबी बनाना है इस दौरान प्रशिक्षण ले रही महिलाओं द्वारा बनाई गई उत्पादों को उत्तराखंड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद देहरादून भेजा जाएगा यही नहीं अच्छे उत्पादों को ऑनलाइन मार्केटिंग के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा। प्रशिक्षण के समापन अवसर पर सुनील कुमार पंत, एनपी टम्टा सहित कई अधिकारी मौजूद थे।
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