देहरादून: प्रदेश में मानसून सीजन को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस बार मॉनसून थोड़ा सा पहले आने की आशंका भी जताई गई है। लिहाजा देवभूमि के पहाड़ी इलाकों में मानसून आना मतलब प्राकृतिक आपदाओं की संभावना भी बढ़ जाती है। यही कारण है कि सरकार और प्रशासन पहले से ही राहत बचाव कार्यों को लेकर प्लानिंग कर के रखता है। इस बार गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में एक एक हेलीकॉप्टर तैनात किए जान की तैयारी शुरू हो गई है।
यह हर साल देखा गया है कि मॉनसून के आते ही प्राकृतिक आपदाएं काफी होती हैं। जिसमें मुख्य तौर पर बादल फटने और भूस्खलन होने की आशंका ज्यादा रहती है। अब इन्हीं घटनाओं से एक तरफ जहां रास्ते बंद हो जाते हैं तो वहीं लोगों को चोटें भी आती हैं। इसी क्रम में राहत व बचाव कार्यों में आसानी के लिए हेलीकॉप्टर की तैनाती का प्लान बनाया गया है।
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हेलीकॉप्टर के तैनात होने से प्रभावितों तक तत्काल मदद पहुंचाई जा सकेगी और जरूरत पड़ने पर घायलों को इलाज के लिए बड़े अस्पतालों तक लाया जा सकेगा। सरकार ने इस साल की तरह पिछले साल भी ऐसा ही प्लान बनाया था लेकिन तब कुमाऊं मंडल को हेलीकॉप्टर नही मिल सका। इसके पीछे कंपनियों का इंटरेस्ट एक बड़ा कारण रहा। इस बार भी दोनों स्थानों पर हेलीकाप्टर तैनात करने की जिम्मेदारी उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) को सौंपी है।
पिछले साल की तरह हालात ना हो इसलिए टेंडर पर बखूबी ध्यान दिया जा रहा हैं। यह तय किया जा रहा है कि दोनों मंडलों में हेलीकॉप्टर संचालन के लिए टेंडर मिले। इधर मुख्य कार्यकारी अधिकारी यूकाडा डा. आशीष चौहान ने बताया कि हेलीकाप्टर कंपनियों के टेंडर आमंत्रित कर लिए गए हैं। 5 जून को टेक्निकल और 7 मई को फाइनेंशियल बिड खोली जाएगी। इसके बाद कंपनी का चयन कर दोनों मंडलों में हेलीकाप्टर की तैनाती कर दी जाएगी। माना जा रहा है कि 10 से लेकर 15 जून के बीच ये हेलीकाप्टर दोनों मंडलों में तैनात कर दिए जाएंगे।
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