देहरादून: इस वक्त की बड़ी खबर चारधाम यात्रा को लेकर आ रही है। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने चारधाम यात्रा को जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को बढ़ा दिया है। बता दें कि पहले कोर्ट ने एक सीमित संख्या के हिसाब से ही भक्तों को प्रवेश हेतु अनुमति देने को कहा था। लेकिन सरकार की अर्जी के बाद सीमित संख्या के नियम को हटा दिया गया है।
गौरतलब है कि 16 सितंबर को हाई कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को राहत देते हुए चारधाम यात्रा खोलने की अनुमति दी थी। 18 तारीख से यात्रा शुरू भी हो गई। मगर अबतक सीमित संख्या में ही भक्तों को प्रवेश दिया जा रहा था। बता दें कि बद्रीनाथ में इस संख्या को 1000, केदारनाथ में 800, गंगोत्री में 600 एवं यमुनोत्री में 400 श्रद्धालुओं तक ही सीमित किया गया था।
इसके साथ हाई कोर्ट के निर्देश पर सरकार ने यात्रा शुरू करने से पहले एसओपी जारी की थी। जिसके तहत चारधाम यात्रा के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं को कोरोना जांच रिपोर्ट या दोनों डोज के टीकाकरण के प्रमाण पत्र दिखाना अनिवार्य किया गया था। जबकि केरला, मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र से आने वाले भक्तों के लिए इन दोनों की अनिवार्यता लागू की गई थी।
बता दें कि कोरोना काल की दूसरी लहर के कारण इस साल भी चारधाम यात्रा पर संकट के बादल मंडरा रहे थे। मामले को बढ़ता देख नैनीताल हाईकोर्ट ने यात्रा पर रोक लगा दी थी। इसके बाद प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट गई। जहां देरी होने के कारण सरकार पर दबाव भी बढ़ रहा था। इसलिए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से याचिका रद्द कर नैनीताल हाई कोर्ट में पुन: दाखिल की थी। कुछ ही दिनों बाद कोर्ट ने यात्रा को शुरू करने की अनुमति दे दी।
इसके बाद हाईकोर्ट ने तमाम नियमों के साथ यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पर सीमा लगा दी थी। जिस कारण कई भक्तों को निराश होना पड़ रहा था। इसी संबंध में सरकार ने फिर से कोर्ट में अर्जी दी। जिसके बाद अब कोर्ट ने सीमित संख्या को हटा दिया। लाजमी है कि अब हर तीर्थयात्री को यात्रा में जाने का मौका मिल सकेगा।