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उच्च शिक्षा के पुस्तकालयों में एनईपी के अनुरूप उपलब्ध रहेंगी किताबें


DEHRADUN NEWS: राजकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में अध्ययनरत सभी छात्र-छात्राओं को ई-ग्रंथालय में अपना पंजीकरण अनिवार्य रूप से कराना होगा, ताकि ई-ग्रंथालय के माध्यम से छात्र-छात्राओं को कैटलॉगिंग की आधुनिक डिजिटल सुविधा के साथ-साथ देश के अन्य विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में उपलब्ध पुस्तकों, शोध पत्र-पत्रिकाओं सहित अन्य पठन-पाठ्न के संसाधन भी उपलब्ध हो सकेंगे। सभी राजकीय शिक्षण संस्थानों को यह प्रक्रिया को एक माह के भीतर पूर्ण करानी होगी। इसके साथ ही राजकीय उच्च शिक्षण संस्थानों में वर्षों से बेकार पड़ी आउट ऑफ सिलेबस हो चुकी पुस्तकों को हटाकर नई पुस्तकें खरीदी जायेंगी, साथ ही ई-ग्रंथालय में एनईपी-2020 के अनुरूप नये पाठ्यक्रम की सभी विषयों की पुस्तकों को अपलोड किया जायेगा।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज दून विश्वविद्यालय देहरादून में उच्च शिक्षा विभाग एवं एनआईसी भारत सरकार के सहयोग से आयोजित तीन दिवसीय ई-ग्रंथालय हैण्ड्सऑन प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारम्भ किया। इस मौके पर डॉ0 रावत ने कहा कि आने वाला समय डिजिटल एजुकेशन का है। हमें भी खुद को इसी के अनुरूप तैयार करना होगा। उन्होंने कहा कि सूबे के सभी राजकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में ई-ग्रंथालय की स्थापना कर दी गई है, जिसमें 21 लाख से अधिक पुस्तकें उपलब्ध हैं, लेकिन इनका अध्ययन करने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या अभी काफी कम है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि एक माह के भीतर सूबे के सभी राजकीय शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत शतप्रतिशत छात्र-छात्राओं का ई-ग्रंथालय में पंजीकरण सुनिश्चित करें।

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ई-ग्रंथालय में पंजीकरण के उपरांत छात्र-छात्राओं को कैटलॉगिंग की आधुनिक डिजिटल सुविधा के साथ-साथ देश के अन्य विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में उपलब्ध पुस्तकों, शोध पत्र-पत्रिकाओं सहित अन्य पठन-पाठ्न की सामग्री आसानी से उपलब्ध रहेगी। उन्होंने कहा कि यदि किसी संस्थान में छात्र-छात्राओं का पंजीकरण का कार्य पूरा नहीं होता है तो इसके लिये संबंधित संस्थान के प्राचार्य एवं पुस्तकालयाध्यक्ष को जिम्मेदार माना जायेगा। डॉ0 रावत ने कहा कि भविष्य में ई-ग्रंथालय में एनईपी-2020 के अनुरूप तैयार नये पाठ्यक्रम की पुस्तकों के साथ ही विभिन्न विषय विशेषज्ञों के शोध पत्रों व उच्च शिक्षा में तैनात शिक्षकों की उपयुक्त पुस्तकों को भी अपलोड किया जायेगा ताकि छात्र-छात्राओं को विभिन्न विषयों की अध्ययन सामग्री आसानी से उपलब्ध हो सके। विभागीय मंत्री ने कहा कि विभिन्न महाविद्यालयों के पुस्तकालयों में हजारों ऐसी पुस्तक उपलब्ध है जो अब आउट ऑफ सिलेबस हो चुकी है। ऐसी पुस्तकों को वन टाइम सेटेलमेंट के तहत किसी जरूरतमंद अथवा सार्वजनिक पुस्तकालयों को दान की जायेंगी, पुरानी पुस्तकों के स्थान पर शिक्षण संस्थानों में नवीन पाठ्यक्रम के अनुरूप अच्छे लेखक एवं प्रकाशकों की पुस्तकें खरीदी जायेंगी।


विद्या ज्योति स्कॉलरशिप के तहत राज्य के विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत स्नातकोत्तर की दूरस्थ क्षेत्रों की 51 छात्राओं को ऋषि मिशन खोसला स्कॉलरशिप के अंतर्गत 35-35 हजार की छात्रवृत्ति प्रदान की गई। कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत एवं विधायक धर्मपुर विनोद चमोली ने विभिन्न महाविद्यालयों से आयी छात्राओं शालिनी रौतेला, शिवांगी, साक्षी बेंजवाल, अपर्णा रावत, सिमरन रावत, हिमांशी तिवारी, गीतांजली मेलकानी एवं माधुरी को छात्रवृत्ति के चैक सौंपे। इसके अलावा संघ लोक सेवा आयोग, राज्य लोक सेवा आयोग से चयनित 163 छात्र-छात्राओं को मुख्य परीक्षा में बेहतर कोचिंग हेतु 50-50 हजार की पुरस्कार राशि प्रदान की गई, साथ ही एनडीए, सीडीएस, ओटीए, आईएनए, आईएएफ के माध्यम से चयनित 148 छात्र-छात्राओं को 50-50 हजार की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई।


उच्च शिक्षा विभाग ने आज दो बड़े संस्थानों रूट्स टू रूट्स नई दिल्ली एवं यूपीईएस देहरादून के साथ एमओयू साइन किये। विभाग ने कला संस्कृति एवं परफॉर्मिंग आर्ट्स तथा भारतीय ज्ञान के क्षेत्र में सहयोग हेतु रूट्स टू रूट्स नई दिल्ली के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये जबकि यूपीईएस देहरादून के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित कौशल विकास पाठ्यक्रमों को एनईपी-2020 के अनुरूप राजकीय महाविद्यालयों में संचालित करने को लेकर अनुबंध किया गया।

उच्च शिक्षा विभाग की वेबसाइट का हुआ लोकार्पण
विभागीय मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने उच्च शिक्षा विभाग की वेबसाइट का लोकार्पण किया। डॉ0 रावत ने बताया कि नवीन वेबसाइट एनईपी-2020 के अनुरूप अपेडट की गई है, ताकि विभाग से जुड़ी सभी जानकारियां छात्र-छात्राओं, शोधार्थियों एवं विभागीय कार्मिकों को एक क्लिक पर उपलब्ध हो सके।
कार्यशाला में स्मार्ट क्लास डिवाइस के-यान को लेकर आईएल एंड एफएस कंपनी के प्रतिनिधियों ने अपना प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि के-यान एक नॉलेज डिवाइस है जिसे आईआईटी मुम्बई के साथ मिलकर बनाया गया। के-यान एक पोर्टेबल स्मार्ट क्लास साल्यूशन है। जिसमें हाईएंड कम्प्यूटर सिस्टम, प्रोजेक्शन सिस्टम, हाई क्वालिटी ऑडिया-वीडियो स्टिस्म, वर्चुअल इंट्रेक्टिव फीचर सहित इन बिल्ट कैमरा है जो किसी भी क्लास रूम को स्मार्ट क्लास रूम बना सकता है। उन्होंने बताया कि इसमें राज्य के पाठ्यक्रमों का पूरा कंटेंट हैं जो ऑडियो-वीडियो माध्यम में उपलब्ध है।

अध्यापकों की कमी से जूझ रहे स्कूलों के लिये यह डिवाइस छात्र-छात्राओं के लिये उपयोगी साबित होगी। यह आसान तरीके के मुश्किल विषयों को समझाने की क्षमता रखता है। इसमें टीचर ट्रैकिंग सिस्टम भी लगा हुआ है ताकि यह पता लगाया जा सकता है कि किस शिक्षक ने कितना पढ़ाया। इस डिवाइस को अब तक देशभर के 70 हजार स्कूलों में लगाया जा चुका है। के-यान स्कूलों के अलावा कम्युनिटी अवेयरनेस कार्यक्रमों में भी उपयोग में लाया जा सकता है।

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