देहरादून: आज की दुनिया इंटरनेट की वजह से जितना आगे है उतनी ही चुनौतियों का सामना भी इसी की वजह से कर रही है। मगर ऐसी ही चुनौतियों का हल निकाल लेना ही इंसानी दिमाग को सर्वश्रेष्ठ बनाता है। इसीलिए उत्तराखंड पुलिस अब आइटी सेक्टर से जुड़े छात्रों और युवा उघमियों की मदद से पुलिसिंग की तकनीकी चुनौतियों से पार पाएगी। इसके लिए पुलिस राष्ट्रीय स्तर पर देवभूमि साइबर हैकाथन का आयोजन करने जा रही है।
डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि उत्तराखंड, उत्तर भारत का पहला एसा राज्य है जहां इतने बड़े लेवल की प्रतियोगिता होने जा रही है । उन्होंने बताया कि इस प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के लिए पहले [email protected] पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। फिर ज्यूरी की ओर से टीमों का चयन 31 अक्टूबर तक किया जाएगा।
इसके बाद 10 और 11 नवंबर को पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी में प्रतियोगिता का आयोजन होगा। इसमें अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए युवाओं को 36 घंटे का समय दिया जाएगा और विजेता टीम को 11 नवंबर के दिन पुरस्कृत किया जाएगा। डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि इस प्रतियोगिता के दौरान बनाए गए सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल पुलिस फोर्स करेगी, जो साइबर क्राइम से निपटने में संजीवनी से कम नहीं होंगे।
इसमें आइटी सेक्टर से जुड़े देशभर के युवा प्रतिभाग कर सकते हैं। उनसे ऐसे साफ्टवेयर और एप तैयार कराए जाएंगे , जिनका इस्तेमाल आपराधिक घटनाओं के शीघ्र पर्दाफाश और इसमें आने वाली तकनीकी अड़चनो को दूर करने के लिए किया जाएगा। यानी छात्रों और युवाओं के कौशल व विशेषज्ञता के बल से पुलिस साइबर क्राइम जैसे हादसो को आसानी से रोक सकेगी। इस प्रतियोगिता में शुरूआती तीन स्थानों पर रहने वाली टीमों को पुलिस की ओर से एक – एक लाख रुपये देकर सम्मानित किया जाएगा।
पुलिस प्रशासन की तरफ से यह बहुत ही बेहतरीन कदम है । ना केवल देश के युवाओं को आपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा बल्कि जनता का हित भी इसमें सबसे ज्यादा है। पहली बात तो यह कि साइबर क्राइम से राहत मिलेगी । दूसरा यह है कि क्राइम होने के बाद अपराधियों की धरपकड़ में तेजी आएगी।