देहरादून: कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों ने एक बार फिर सभी को घर पर बंद रहने के लिए मजबूर कर दिया है। बढ़ते कोरोना ने एक बार फिर उत्तराखंड के पर्यटन को नुकसान पहुंचाया है। यह हम नहीं रोडवेज बसों में यात्री की गिरती संख्या बता रही है। यात्रियों के कम होने से उत्तराखंड परिवहन निगम को घाटे के सामना करना पड़ रहा है। इसे देखते हुए विभाग ने बड़ा कदम उठाया है। घटती आय को देखते हुए रोडवेज ने दिल्ली रूट की पांच वॉल्वो सेवाएं कम कर दी हैं। आय कम होने से रोडवेज के अधिकारी काफी चिंतित है।
बता दें कि दिल्ली रूट पर ग्रामीण डिपो की सबसे ज्यादा बसों का संचालन होता है। इस डिपो की देहरादून आईएसबीटी से रोजाना 20 साधारण और 15 वॉल्वो बसें चलती हैं, लेकिन कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बाद पिछले एक सप्ताह से ज्यादा समय से यात्रियों की संख्या में कमी आ रही है। बसों की क्षमता 32 है लेकिन एक बस में औसतन 15 से 20 यात्री सफर कर रहे हैं। रोडवेज को नुकसान हो रहा है और वह बसों के डीजल का भी खर्चा नहीं उठ पा रहा है। नुकसान को कम करने के लिए निगम ने बस सेवाओं को कम करने का फैसला किया है।
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इस बारे में ग्रामीण डिपो के सहायक महाप्रबंधक केपी सिंह ने बताया कि दिल्ली जाने वाले पांच वॉल्वो बसों को हटाया गया है। साधारण बस सेवाएं में कोई कटौती नहीं की गई। वॉल्वो सेवाएं यात्रियों की संख्या को देखते हुए संचालित की जाएगी। खाली बसें भेजने से निगम को आर्थिक नुकसान हो रहा है।कोरोना संकट से चलते डिपो की आय बढ़ नहीं पा रही है। एआरएम केपी सिंह ने बताया कि एक सप्ताह पहले तक डिपो की रोजाना आय 25 लाख रुपये तक है, जो अब घटकर 17 से 18 लाख रुपये हो गई है। रोडवेज की आय में कमी ने सभी अधिकारी और कर्मचारी चिंता में डाल दिया हैं। रोडवेज के कर्मचारियों को अभी तक जुलाई महीने से वेतन नहीं मिल पाया। वह बिना वेतन काम कर रहे हैं। अब आय घटने से यह परेशानी पहले से ज्यादा बढ़ गई है। उनकी चिंता और बढ़ती जा रही है। अधिकारियों का मानना है कि सर्दियों के कारण यात्रियों की संख्या में अभी और गिरावट आ सकती है।
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