देहरादून: प्रदेश की परिवहन टीम ने रोडवेज को घाटा पहुंचा रही डग्गामार बसों पर तगड़ी कार्रवाई की है। इसे अबतक की सबसे बड़ी कार्रवाई भी कहा जा सकता है। टीम ने शहर में बस स्टैंड बनाकर संचालित होने वाली डग्गामार बस का एक लाख रुपए का बड़ी चालान किया है।
दरअसल उत्तराखंड रोडवेज इकने घाटे में चल रहा है कि अपने कर्मियों को वेतन देने तक के भी उसके पास रुपए नहीं हैं। ऐसे में लगातार शहर में डग्गामार बसें बकायदा एक बस स्टैंड बनाकर संचालित की जा रही थी। लाजमी है इससे रोडवेज को भी घाटा हो रहा था। साथ ही क्षेत्र की सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए लोग भी इसे बंद कराने की मांग कर रहे थे।
हरिद्वार बाइपास स्थित इंद्रलोक विहार से अवैध रूप से निजी बस अड्डा संचालित होने की शिकायत मिली थी। जिसके बाद आरटीओ प्रवर्तन संदीप सैनी ने एमडीडीए की टीम के साथ निरीक्षण कर किया था। टीम ने पहुंचकर छापेमारी कर कार्रवाई की। साथ ही चेतावनी भी दी कि जिला प्रशासन व एमडीडीए की अनुमति के बिना वह निजी संपत्ति पर बस अड्डा संचालित नहीं कर सकता।
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इसके साथ ही वहां से दिल्ली जा रही एक निजी बस में यात्रियों ने रेड बस एप से टिकट बुक कराए थे। इस एप के पास उत्तराखंड का लाइसेंस ही नहीं है। जिसके बाद कंपनी को विभाग ने नोटिस देकर बस का एक लाख रुपये का चालान किया है।
आरटीओ सैनी के मुताबिक चेकिंग के दौरान 19 बड़े वाहन समेत 12 दुपहिया, दो टैक्सी, आठ कार, एक बस और दो अन्य वाहन, कुल 44 वाहनों के चालान व दो को सीज किया गया। आरटीओ ने बताया कि टीम को रोजाना अलग-अलग मार्गों पर औचक चेकिंग का आदेश दिया गया है।
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