हल्द्वानी: राज्य के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को बेहतर इलाज मिलेगा। राज्य में मेडिकल व्यवस्था को ठीक करने के लिए सरकार लगातर कदम उठा रही है। इस दिशा में आपातकालीन सेवा में मरीजों को बेहतर इलाज देने के लिए प्रदेश सरकार नौ जिलों में इंटेंसिव केयर यूनिट (ICU) स्थापित करने जा रही है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और विश्व बैंक पोषित योजनाओं के माध्यम से आईसीयू के लिए यह धनराशि दी जाएगी। बता दें कि अब तक प्रदेश के तीन सरकारी मेडिकल कॉलेजों समेत चार जनपदों के जिला अस्पतालों में ICU की सुविधा है मौजूद है लेकिन मरीजों की संख्या में बढोतरी होने पर आईसीयू में बेड कम पड़ जाते हैं। इस परेशानी को दूर करने के लिए सरकार प्रत्येक जिला अस्पतालों में आईसीयू वार्ड स्थापित करने पर काम कर रही है।
इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, रुद्रप्रयाग, ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार, चंपावत, नैनीताल और दून मेडिकल कॉलेज में आईसीयू सेंटर खोलने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि इन आईसीयू सेंटरों में आधुनिक उपकरणों व अन्य सुविधाओं के लिए विश्व बैंक पोषित और एनएचएम के माध्यम से बजट का प्रावधान किया जाएगा। इन सुविधाओं के शुरू होने से जिला स्तर पर मरीजों को हार्ट अटैक या अन्य गंभीर बीमारियों में आपात सेवाओं में आईसीयू में बेहतर इलाज मिलेगा।
मौजूदा वक्त में दून, हल्द्वानी, श्रीनगर मेडिकल कॉलेजों समेत पिथौरागढ़, पौड़ी, उत्तरकाशी और टिहरी में आईसीयू की सुविधा शुरू कर दी गई है, जिसमें पिथौरागढ़ और पौड़ी जिला अस्पताल में हंस फाउंडेशन के माध्यम से आईसीयू वार्ड स्थापित किया गया है।
बता दें कि गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को आईसीयू सुविधा मिलती है। मरीजों को डॉक्टरों की टीम 24 घंटे मॉनिटर करती है। आईसीयू वार्ड में वेंटिलेटर, हार्ट मॉनिटर, फीडिंग ट्यूब्स (खिलाने की नली), ड्रेंस और कैथेटर समेत तमाम आधुनिक चिकित्सा उपकरणों की सुविधा होती है।
इस बारे में स्वास्थ्य विभाग के सचिव नितेश कुमार का कहना है कि सरकारी अस्पतालों में मरीजों को आपातकालीन सेवा में बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक जिला स्तर पर आईसीयू बनाए जाएंगे। इसमें चार जनपदों के जिला अस्पतालों में आईसीयू शुरू हो चुके हैं।