हल्द्वानी: कोरोना वायरस के चलते आर्थिक नुकसान के अलावा शैक्षिक कैलेंडर को भी पीछे कर दिया है। हर दिन इस बारे में कोई ना कोई अपडेट आ रहा है। एक खबर अल्मोड़ा से भी आ रही है कि राजकीय मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) में इस साल कक्षाएं शुरू होने मुश्किल है। कोरोना वायरस के चलते भवनों का कार्य लंबे समय तक बंद हैं और जरूरी तैयारियां भी पूरी नहीं हुई है। भवनों का निर्माण अभी पूरा नहीं हुआ है और साथ ही फैकल्टी में डॉक्टरों की भी कमी है।
सत्र शुरू करने से पहले फर्नीचर की खरीद सहित कई कार्य है जो पूरे नहीं हुई है। कोरोना के संकट को देखते हुए फिलहाल एमसीआई के निरीक्षण दल के तुरंत आने की भी उम्मीद नहीं है, जबकि एमसीआई की अनुमति के बिना कॉलेज में कक्षाएं शुरू नहीं की जा सकतीं। बता दें कि जीएमसी के भवनों का काम अंतिम चरण में है। वहां प्राचार्य की तैनाती के साथ ही फैकल्टी के लिए कई डॉक्टरों की भी नियुक्ति की जा चुकी है। सरकार पिछले साल ही कॉलेज में एमबीबीएस की कक्षाएं शुरू करना चाहती थी लेकिन कुछ काम अधूरे रहने और फैकल्टी में डॉक्टरों की कमी सामने आई, जिससे देखते हुए एमसीआई से हरी झंडी नहीं मिल सकी।
प्रदेश सरकार की कोशिश थी कि सत्र को साल 2020 में शुरू किया जाए। निर्माण एजेंसी को अप्रैल तक भवनों का काम पूरा करने केनिर्देश दिए गए थे लेकिन कोरोना के चलते करीब 20 मार्च से काम लगभग बंद है। कुछ मजदूर कार्य तो कर रहे हैं लेकिन गति काफी स्लो है।
दो दिन पहले निरीक्षण को पहुंचे निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. युगल किशोर पंत ने भी निर्माण एजेंसी के अधिकारियों को काम में गति लाने को कहा है। वर्तमान हालात को देखते हुए तीन-चार महीने से पहले भवनों का निर्माण कार्य पूरा होने मुश्किल लग रहा है। जीएमसी के प्राचार्य डॉ. आरजी नौटियाल का कहना है कि एमसीआई के निरीक्षण के लिए कुछ माह पहले ही शुल्क जमा कराया है लेकिन फिलहाल निरीक्षण के संबंध में कोई जानकारी नहीं है। कोरोना के कारण कई तैयारियां अधूरी हैं, जिससे इस साल कक्षाएं शुरू होने की संभावना काफी कम है।