देहरादून: राजधानी में उत्तराखंड सरकार की अहम कैबिनेट बैठक चल रही है। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बैठक में कई योजनाओं को हरी झंड़ी मिल सकती है। इसके अलावा जो सेवाओं बंद हैं, उसपर भी सरकार फैसला कर सकती है। प्रवासियों के रोजगार संबंध में इस बैठक को अहम माना जा रहा है।
प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में बृहस्पतिवार को बसों और टैक्सियों के संचालन को लेकर प्रदेश सरकार निर्णय ले सकती है। राज्य की आम जनता को बसों और टैक्सियों के संचालन शुरू होने का इंतजार है। परिवहन सचिव ने प्रस्ताव तैयार कर शासन को सौंप दिया है। इस प्रस्ताव पर विचार के बाद सार्वजनिक वाहनों के संचालन पर सरकार कोई निर्णय ले सकती है। माना जा रहा है कि विभाग की ओर से कैबिनेट के सामने दो प्रमुख विकल्प रखे जा सकते हैं।
मसलन, बसों व टैक्सियों को यूपी की तरह पर पूरी सवारी के साथ चलने की इजाजत दी जाए या फिर बढ़ा हुआ किराया वसूलने की छूट मिले। परिवहन व्यवसायियों डबल किराया वसूलने की मांग कर रहे हैं। बैठक में उत्तराखंड रोडवेज की बसों के संचालन की संभावना पर भी चर्चा कर सकती है।
सार्वजनिक वाहन कई जिलों में चल रहे हैं लेकिन उनकी संख्या 15 प्रतिशत से भी कम है। इसकी प्रमुख वजह सोशल डिस्टेंसिंग के चलते वाहनों की क्षमता का 50 फीसदी सवारी ढोने की शर्त है। दूसरी वजह कम सवारी मिलना भी है। घाटे के भय से अधिकांश परिवहन व्यवसायियों ने सेवा शुरू करने से दूरी बना ली है।