देहरादून: कोरोना वायरस के एक बार फिर देश में पैर पसार रहा है। पिछले साल जो आंकड़े देश में सामने आए थे उससे हर कोई डरा हुआ है। तमाम रिकॉर्ड्स को देखते हुए प्लान तैयार किया जा रहा है। उत्तराखंड में भले ही कोरोना वायरस के मामले फिलहाल कंट्रोल में हो लेकिन राज्य में कोरोना वायरस की मृत्यु दर राष्ट्रीय दर से अधिक दर्ज की गई है। उत्तराखंड में अब तक कोरोना वायरस के चलते 1704 लोगों की मौत हो गई है। वहीं दूसरे राज्यों की तुलना में प्रदेश में सैंपल जांच के आधार पर संक्रमण की दर कम है।
पिछले साल 22 मार्च को जनता CURFEW के बाद लॉकडाउन घोषित कर दिया गया था। लॉकडाउन की अवधि में 2.50 लाख से ज्यादा प्रवासी राज्य में आए थे। एक दिन में सबसे ज्यादा 1500 कोरोना वायरस के मामले सामने आए थे। वहीं एक दिन में सबसे ज्यादा 20 मरीजों की मौत के आंकड़े सामने आए थे।
मृत्यु दर पर गौर करे तो उत्तराखंड में यह 1.723 प्रतिशत है तो वहीं देश में यह 1.38 प्रतिशत है। रिकवरी दर में भी उत्तराखंड राष्ट्रीय औसत के पीछे है। उत्तराखंड में यह 96.08 प्रतिशत है तो राष्ट्रीय औसत 96.12 प्रतिशत है। संक्रमण दर उत्तराखंड में 3.76 प्रतिशत दर्ज की गई है तो वहीं राष्ट्रीय औसत 4.97 प्रतिशत रही। सैंपल जांच औसत उत्तराखंड में 26.10 प्रतिशत रही और राष्ट्रीय औसत 23.24 प्रतिशत रही।
स्वास्थ्य प्रभारी सचिव डॉक्टर पंकज पांडे ने कहा कि प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण और मृत्यु दर को रोकने के लिए केंद्र के दिशा निर्देशों के अनुसार प्लान बनाया गया है। सैंपल जांच बढ़ने के बाद से कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या में कमी दर्ज की गई है। पहले की तुलना में मृत्यु दर में कमी आई है। केंद्र के प्रोटॉकोल के अनुसार ही मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इस दर को राष्ट्रीय औसत से कम करने का प्रयास किया जा रहा है।