हल्द्वानी: लंबे वक्त से सरकार पर दूसरे जिलों में फंसे लोगों द्वारा घर पहुंचाने व जाने के संबंध में लगातार दवाब बनाया जा रहा है। घर जानें का इंतजार कर रहे लोगों को अब राहत मिलने वाली है। राज्य के अंदर एक जिले से दूसरे जिले जाने के लिए सरकार द्वारा सशर्त अनुमति मिलने वाली है। खबर के अनुसार रेड कैटेगिरी से ग्रीन कैटेगिरी वाले जिले में जाने के लिए केंद्रीय गाइडलाइन के तहत व्यवस्था बनाए जाएगी। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अन्य राज्यों में फंसे श्रद्धालुओं, पर्यटकों, श्रमिकों, छात्रों और अन्य लोगों की सुरक्षित घर वापसी को लेकर जारी गाइडलाइन की थी। इसका लाभ प्रदेश के भीतर फंसे लोगों को भी मिलने वाला है। राज्य के भीतर एक जिले से दूसरे जिले में जाने की व्यवस्था को सरकार सहर करेगी। इस संबंध में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। कोई भी व्यक्ति गृह जिले के बाहर फंसा है तो उसको अपने घर सुरक्षित पहुंचाया जाए।
मुख्यमंत्री के आदेश का अनुपालन करने में केंद्रीय गृहमंत्रालय की गाइडलाइन आड़े आ रही थी, जिसके चलते यह व्यवस्था आम नागरिकों के लिए नहीं बनाई जा सकी। हालांकि शादी विवाह, परिवार में किसी के निधन या फिर मेडिकल के लेकर राज्य ने पहले ही नियम बनाए हुए हैं।
अंतरजनपदीय आवागमन के नियम
आवेदन करने के लिए पहले से व्यवस्था तय है, जिसके तहत गृह जनपद से बाहर फंसे लोग आवेदन कर सकते हैं। लेकिन अनुमति केवल चिन्हित आवश्यक कार्य या फिर मेडिकल कारणों से मिलती है। नई व्यवस्था के तहत आवेदन करने वालों की डाक्टरी जांच करवाई जाएगी।
अगर कोरोना का लक्षण नहीं मिलता है तो उसे जाने की अनुमति दी जा सकेगी।
रेड कैटगिरी वाले जिले से ग्रीन कैटेगिरी वाले जनपद में जाने के लिए केंद्रीय गाइडलाइन के तहत ही अनुमति मिलेगी।
प्रदेश के अंदर अंतरजनपदीय आवाजाही की अनुमति जरूरी कार्यों और आपात स्थिति में पहले से दी जा रही है।
एक जिले से दूसरे जिले में सामान्य आवागमन को लेकर अब व्यवस्था बनाई जा रही है।
ग्रीन कैटेगिरी वाले जिलों में आवागमन को लेकर कोई समस्या नहीं रहेगी। हेल्थ चेकअप करवाया जाएगा।
रेड कैटेगिरी से ग्रीन कैटेगिरी जिले में जाने के लिए हेल्थ चेकअप के साथ होम क्वांरटीन की व्यवस्था भी रखी जा सकती है। अगर कोई व्यक्ति पहले से क्वारंटीन है तो उसे जाने दिया जाएगा, लेकिन अंतिम निर्णय जिलाधिकारी के स्तर से होगा।