हल्द्वानी: उत्तराखंड में कोरोना रिकवरी रेट तेजी से बढ़ रहा है। लोगों के लिए राहत है कि हम कोरोना वायरस को जल्द हरा देंगे। सबसे बड़ा श्रेय जाता है हमारे कोरोना वॉरियर्स को और प्रशासन को.. जिन्होंने लगातार बढ़ रहे मामलों के बाद भी संयम नहीं खोया और राज्य अब कोरोना वायरस को मात देने के करीब है।
इस लिस्ट में टिहरी जिले का नाम पहले स्थान है। पहाड़ी जिले में स्वास्थ्य सेवाएं कैसी होती हैं ये किसी बताने की जरूरत नहीं लेकिन इसके बाद भी ये जिला देश के पहाड़ी क्षेत्रों के लिए उदाहरण बन गया है। टिहरी जिले में जिस तेजी के साथ संक्रमित मामले बढ़े हैं, उससे दोगुनी रफ्तार से मरीज ठीक होकर घर लौटे हैं। कुल 421 संक्रमित मामलों में से टिहरी में मात्र तीन एक्टिव केस हैं। संक्रमण के नए मामले नहीं मिले तो टिहरी जल्द ही कोरोना मुक्त हो सकता है। जिले में पहला कोरोना वायरस का मामला 20 मई को आया था। 19 मई को ही राज्य में कोरोना वायरस के मामलों ने 100 का आंकड़ा पार किया था। इसी दौरान प्रवासियों को वापस लाने की मुहिम शुरू हुई तो सभी जिलों में रिकॉर्ड मामले सामने आने लगे जो लोगों को चिंता में डाल रहे थे। 45 दिनों के भीतर ही टिहरी में संक्रमितों की संख्या 421 पहुंच गई। लेकिन मरीजों के ठीक होने की रफ्तार भी दोगुुनी रही। चार जून तक टिहरी में 416 मरीज ठीक हो चुके हैं। जबकि दो संक्रमितों की मौत हुई है।
45 दिनों के भीतर ही टिहरी में संक्रमितों की संख्या 421 पहुंच गई। लेकिन मरीजों के ठीक होने की रफ्तार भी दोगुनी रही। चार जून तक टिहरी में 416 मरीज ठीक हो चुके हैं। जो ये बताता है कि जिला प्रशासन ने किस स्तर पर काम किया है। सोशल डवलपमेंट फार कम्युनिटी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने कहा कि टिहरी देश के लिए एक मिसाल है। प्रदेश और देश के लिए एक मिसाल है। तेजी से संक्रमित मामले बढ़ने के बाद जिले में रिकवरी दर 99 प्रतिशत है। इस जिले के कोरोना काल पर रिसर्च होनी चाहिए।
वहीं टिहरी की मौजूदा स्थिति के बाद डीएम मंगेश घिल्डियाल की प्लानिंग की तारीफ हर जगह हो रही है। 26 मई को डीएम मंगेश घिल्डियाल ने रुद्रप्रयाग जिले से ट्रांसफर होकर टिहरी जिले की कमान संभाली थी। इन्ही दिनों में जिले में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने लगे थे। उन्होंने रुद्रप्रयाग की तरह पहले होटल संचालकों से बात की और इस कोरोना वायरस को हराने की मुहिम का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित किया। जिलेभर में 172 नोडल अधिकारी बनाए गए और संक्रमण को लेकर उनकी सीधी जवाबदेही तय की गई। 172 अधिकारियों के ऊपर हर ब्लॉक में एक चीफ नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया, जो 24 घंटे डीएम को कोरोना के बारे में अपडेट देते रहते हैं। डीएम ने कंटेनमेंट जोन और प्रभावित गांवों का दौरा किया और लगातार आशा और प्रधानों से बात कर उन्हें प्रोत्साहित भी किया। इसी का असर रहा कि जिले के 10 कंटेनमेंट जोन में भी कोई कोरोना केस सामने नहीं आ पाया। अब जब जिले में सिर्फ 3 एक्टिव मामले रह गए हैं ।