देश के युवा अगर संकल्प कर लें तो हर तस्वीर ख़ूबसूरत बन सकती है। एक ऐसी ही तस्वीर बनाई है पंखुड़ी संस्था से जुड़े युवाओं ने। पंखुड़ी संस्था गरीब, निर्धन बच्चों को शिक्षा देने वाली संस्था है, जो विगत आठ वर्षों से कार्य कर रही है। संस्था की शुरुआत आठ वर्ष पूर्व कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग रुड़की के कुछ छात्रों द्वारा की गई थी। आज पंखुड़ी संस्था के साथ तक़रीबन 60 – 70 लोग जुड़े हैं। रुड़की से शुरू हुई इस संस्था के आज दिल्ली, देहरादून, काशीपुर, हरिद्वार में भी शिक्षा केंद्र हैं।
पंखुड़ी संस्था के मौजूदा अध्यक्ष शिवांश मिश्रा बताते हैं कि कॉलेज में पढ़ाई लिखाई के दौरान उनकी नज़र ऐसे बच्चों पर पड़ी जो प्रतिभावान थे लेकिन किन्हीं कारणों से उनकी पढ़ाई छूट गई थी। उन्हें लगा कि इन बच्चों को अगर मौक़े मिलें तो यह अपने जीवन में बेहतरीन कार्य कर सकते हैं, जिससे इनके परिवार का भविष्य बदल सकता है।
इसी सोच के साथ पंखुड़ी संस्था का गठन हुआ और शिवांश मिश्रा ने अपने मित्रों के साथ गरीब मेधावी बच्चों को खोजा और उन्हें शिक्षा देनी शुरू की। इस कार्य में कई किस्म की दिक्कतें आईं। यह दिक्कतें आर्थिक और सामाजिक दोनों तरह की थीं।
एक तरफ़ बच्चों को पढ़ाने के लिए संसाधन चाहिए थे। उनकी कॉपी, किताब, पेंसिल, पेन का खर्चा था। दूसरी तरह सामाजिक भेदभाव थे। जातिवादी सोच हावी थी। शिवांश बताते हैं कि कई बार ऐसी घटनाएं हुईं कि ऊंची जाति के बच्चों के घरवालों ने अपने बच्चों को छोटी जाति के बच्चों के साथ पढ़ाने पर ऐतराज़ जताया।
यानी पंखुड़ी संस्था को बच्चों के साथ ही मां बाप को भी समझाना था। उनको भी तैयार करना था बदलाव के लिए। मेहनत की जाए सच्चे दिल से तो वह कामयाब होती है। यही हुआ भी। पंखुड़ी संस्था के सदस्यों ने सफलता के साथ रुड़की के बेलड़ा गांव में बच्चों को पढ़ाना शुरू किए।
समय के साथ कई शानदार नतीजे आए। पंखुड़ी संस्था की देखरेख में पढ़ रहे बच्चों में से कुछ बच्चों का चयन नवोदय विद्यालय में हुआ। कुछ पोलिटेकनिक कॉलेज पहुंचे। यह सचमुच बहुत सुंदर था।
पंखुड़ी संस्था हर साल बच्चों के लिए ” उड़ान ” नामक कार्यक्रम करती है, जहां बच्चों के लिए अपनी प्रतिभा दिखाने का मौक़ा होता है। पंखुड़ी संस्था इस कार्यक्रम में देश के ऐसे लोगों को आमन्त्रित करती है, जिनका व्यक्तित्व प्रेरणा होता है।
कोरोना काल में भी पंखुड़ी संस्था ने अद्भुत कार्य किया है। काशीपुर, उत्तराखंड में पंखुड़ी संस्था के सदस्यों ने तक़रीबन 60 लोगों को तीन महीने तक भोजन वितरित किया। यह सच में दिव्य कार्य है।
आज पंखुड़ी संस्था सैकड़ों बच्चों को शिक्षित करने का कार्य कर रही है। पंखुड़ी संस्था सब कुछ ख़ुद के खर्च पर करती है। उनके सदस्य अपने जेब खर्च से पैसे बचाकर बच्चों को पढ़ाते हैं। ऐसी संस्थाओं को मदद करने के लिए हम सभी को आगे आना चाहिए। तभी यह प्रयास लंबे वक्त तक चल सकते हैं।