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उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड!सुझाव पत्रों से भरे तीन कमरे, अधिकारियों के बैठने की जगह नहीं


देहरादून: उत्तराखंड सरकार प्रदेश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने के पक्ष में हैं। चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसकी घोषणा कर दी थी। दोबारा सरकार बनाने के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया था।

समिति के सामने छह माह के भीतर ड्राफ्ट तैयार करने की चुनौती है और समय सीमा नवंबर में पूरी हो रही है। समिति ने जनता से सुझाव मांगे थे। इसको लेकर लोगों में काफी रूचि देखने को मिली है और ये आंकड़े बता रहे हैं। समिति के पास डाक के माध्यम से इतनी चिट्ठियां आ गई हैं कि अधिकारियों के बैठने की जगह कम हो गई है। इसके लिए अतिरिक्त जगह लेनी पड़ी है।

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वेबसाइट पर 60 हजार से ज्यादा सुझाव आए हैं। ई-मेल के माध्यम से 20 हजार से ज्यादा सुझाव प्राप्त हुए हैं लेकिन डाक के माध्यम से आए सुझाव के चलते तीन कमरे भर गए हैं। डाक से आए सुझावे की लिस्टिंग की जा रही है और उन्हें रजिस्टर में दर्ज किया जा रहा है। अनुमानित सवा लाख सुझाव आने की बात कही जा रही है लेकिन पूर्ण संख्या डाक पत्रों की गिनती के बाद ही सामने आ पाएगी।  

समिति के सदस्य शत्रुघ्न सिंह ने कहा कि ई-मेल, वेबसाइट और डाक के माध्यम से आए सभी सुझावों का अध्ययन किया जाएगा। इसके बाद ही समिति ड्राफ्ट तैयार करेगी। हालांकि सीएम ने छह माह का समय दिया था लेकिन इतने सुझावों की वजह से इसमें अभी वक्त लग सकता है। बता दें कि सुझावों के लिए 22 अक्तूबर तक का समय तय किया गया था।

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