देहरादून: महिलाएं ही समाज की जननी कही जाती हैं। लेकिन फिर भी महिलाओं को ही हमेशा अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ता है। एक तो पहले माहवारी के समय होने वाली इतनी परेशानियां और फिर अपने भावों को भी खुलकर सामने ना रख पाना। वाकई किसी को पिंजरे में बंद कर आजादी देने के बराबर है। इससे इतर एक बात जो खराब है वह यह कि महिलाओं के मन में ही माहवारी से जुड़ी कई भ्रांतियां हैं। जो एक हद तक अब दूर हो रही हैं।
बीते कुछ समय में स्थिति बदली है। समाज में पुरानी सोच के कारण इन सब बातों पर चर्चा करना उचित नहीं माना जाता था। जो कि अब माना जाने लगा है। एक सकारात्मक ऊर्जा हर तरफ आई है। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने शुक्रवार को विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस के अवसर एक बड़ी सौगात दी है।
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राज्यपाल ने राजभवन में सैनिटरी नैपकिन वितरण योजना प्रारंभ की। उन्होंने कहा कि राजभवन सभी जिलों को वितरण के लिए पांच हजार सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध कराएगा। राज्यपाल ने वर्चुअल सब जिलाधिकारियों को संबोधित करते हुए सैनिटरी वितरण कार्यक्रम स्पर्श की मानीटरिंग को एक महिला नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए।
सामाजिक रूढ़ियों की वजह से कुछ समय पहले तक माहवारी जैसे महत्वपूर्ण विषय पर बात करना उचित नहीं माना जाता था। इस वजह से महिलाओं में माहवारी से जुड़ी भ्रांतियां थीं। यह उक्त बातें राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कही। इसके अलावा उन्होंने कहा कि स्वच्छता के अभाव में महिलाओं को विभिन्न रोगों से होकर गुजरना पड़ता था।
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बहरहाल बेबी रानी मौर्य ने महिलाओं और किशोरियों को पर्याप्त स्वच्छता सुविधाएं उपलब्ध कराने पर चर्चा करने की बात कही। उन्होंने कहा कि महिलाओं तक स्वच्छता उत्पादों को पहुंचना बेहद जरूरी है। इस वजह से बहुत सी लड़कियां स्कूल जाने से वंचित हो जाती हैं।
राज्यपाल ने सैनिटरी नैपकिन के रेट को भी आर्थिक रूप से पिछड़ी महिलाओं के लिए सस्ता करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा महिलाओं में स्वच्छता लेकर जागरूकता फैलाने को लेकर गैर सरकारी संस्थाओं, सरकारी एजेंसियों, व्यक्तियों, निजी क्षेत्र को एक साथ काम करना चाहिए।
इस मौके पर महिला सशक्तीकरण व बाल विकास मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस मनाने के पीछे महिलाओं को जागरूक करना ही एक मुख्य लक्ष्य है। इस अवसर पर महिला सशक्तीकरण व बाल विकास सचिव हरिश्चंद्र सेमवाल, विधि परामर्शी कहकशां खान, राजभवन के अपर सचिव जितेंद्र सोनकर मौजूद थे।
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