National News

अब शादी के खर्च पर भी रहेगी मोदी सरकार की नज़र


नई दिल्ली- नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले कई बार देश को चकित करते है। अब सरकार एक और फैसला व बिल लाने वाली है जो आपके व्यक्तिगत खर्चों पर भी नज़र रखेगा। हर किसी सपना होता है कि अपनी शादी में खूब खर्चा करे लेकिन मोदी सरकार खूब खर्चे वाली चीज़ के उपर वार करने को तैयार है। विवाह समारोह में तरह -तरह के ताम-झाम होते हैं,लेकिन विवाह समारोहों में फिजूलखर्ची रोकने, मेहमानों की संख्या सीमित करने, समारोह के दौरान परोसे जाने वाले व्यंजनों को सीमित करने और ‘दौलत के प्रदर्शन’ पर लगाम लगाने के लिए लोकसभा में बिल पेश होगा। इस प्राइवेट मेंबर बिल में यह व्यवस्था की गई है कि जो लोग शादी-ब्याह में 5 लाख रुपए से अधिक राशि खर्च करते हैं, वह गरीब परिवार की लड़कियों के विवाह में योगदान करें।लोकसभा में कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन इस प्राइवेट मेंबर बिल को पेश करेंगी जिसमें कहा गया है कि अगर कोई परिवार विवाह के दौरान 5 लाख रुपए से अधिक राशि खर्च करता है, तब उसे गरीब परिवार की लड़कियों के विवाह में इसकी 10 प्रतिशत राशि का योगदान देना चाहिए। लोकसभा के अगले सत्र में विवाह (अनिवार्य पंजीकरण और फिजूलखर्च रोकथाम) विधेयक 2016 एक निजी विधेयक के रूप में पेश किया जाएगा। रंजीत रंजन के मुताबिक इस विधेयक का मकसद विवाह में फिजूलखर्ची रोकना और सादगी को प्रोत्साहन देना है। उन्होंने कहा कि शादी दो लोगों का पवित्र बंधन होता है और ऐसे में सादगी को महत्व दिया जाना चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य से इन दिनों शादी विवाह में दिखावा और फिजूलखर्ची बढ़ गई है।

 रंजीत रंजन ने कहा कि इन दिनों शादियों का मतलब दौलत का प्रदर्शन हो गया है, नतीजतन गरीब परिवारों पर ज्यादा खर्च करने का दबाव होता है। समाज की भलाई के लिए इसे रोकना जरूरी है। प्राइवेट मेंबर बिल में कहा गया है कि प्रस्तावित कानून पास होने के बाद सभी शादियों को 60 दिन के भीतर पंजीकरण कराना होगा। सरकार शादी में शिरकत करने वाले मेहमानों और रिश्तेदारों की संख्या सीमित कर सकती है। इसके अलावा शादी या रिसेप्शन के दौरान मेहमानों को परोसे जाने वाले व्यंजनों को भी सीमित किया जा सकता है ताकि खाने की बर्बादी न हो।

Join-WhatsApp-Group
To Top