नई दिल्ली। 15 अगस्त को लालकिले से पीएम नरेंद्र मोदी ने बलूचिस्तान पर पाकिस्तान द्वारा हो रहे अत्याचार का जिक्र किया है तब से मानों बलूचिस्तान की आवाम अपनी आजादी के लिए पाक के विरोध में उतर आई है। विश्व के कई देशों में मौजूद बलूचिस्तान के लोगों ने भारतीय पीएम की तारीफ की वही दूसरी ओर पाकिस्तान के विरोध में जमकर नारे बाजी की। वैसे तो भारत का हर नागरिक इस विषय के सामने आने बाद ये सोच रहा होगा कि भारत को इस संधर्भ में अमेरिका का सपोर्ट मिलेगा। लेकिन अमेरिका को बलूचिस्तान की आजादी से कोई लेना देना नही है। और इस बाक की पुष्टि अमेरिका के विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने की। उन्होंने कहा कि कि अमेरिका पाकिस्तान की एकता और क्षेत्रीय अखंडता की इज्जत करता है और उसने कभी बलूचिस्तान की स्वतंत्रता का समर्थन नहीं किया है,ना ही करेंगा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार की नीति ये है कि हम पाकिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता को सपोर्ट करते हैं और हम बलूचिस्तान की आजादी के समर्थन के पक्ष में नही है। बता दे कि किर्बी पाकिस्तान के दक्षिण पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान के अंदर और बाहर दोनों ओर से प्रांत की आजादी की मांगें बढ़ने और वहां पाकिस्तानी सुरक्षा बलों द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ आवाजें तेज होने से जुड़े प्रश्न का जवाब दे रहे थे।
किर्बी से बलूचिस्तान पर अमेरिका का क्या रूख पूछा गया उन्होंने साफ कह दिया कि अमेरिका बलूचिस्तान की स्वतंत्रता का समर्थन नही करता । ये मुद्दा भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उठाया गया है और पीएम मोदी द्वारा उठाए गए हर विषय को अमेरिका अभी तब तवज्जो देता आया है। आपको बता दे कि बीते 15 अगस्त को देश के 70वें स्वतंत्रता दिवस के दिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर, गिलगित और बलूचिस्तान का विषय उठाते ङुए पाकिस्तान की नापाक हरकत बयां कि थी। उसके बाद से पाकिस्तान की काली करतूत का शिकार हो रहे बलूचिस्तान की आवाम ने पीएम नरेद्र मोदी के समर्थन में कई जगह नाके बाजी करते हुए उनका शुक्रिया कहा।