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खतरनाक है दमा की बीमारी, तुंरत डॉक्टर से ले सलाह ( वीडियो टिप्स)


हल्द्वानी: दमा सांस के संबंध में एक बीमारी है। इससे ग्रस्त रोगी को अधिक चलने या तेजी से दौड़ने से सांस भूलने लगती है। इस कारण से सांस लेना मुश्किल हो जाता है। हल्द्वानी साहस क्लीनिक के डॉक्टर एनसी पांडे ने बताया कि  इससे बार-बार खासी भी होती है। इस बीमारी के होने का विशेष उम्र बंधन नहीं होता है। किसी भी उम्र में कभी भी ये बीमारी हो सकती है।  दमा के रोग में सांस में समस्या एलर्जी के कारण होता है जबकि गैर विशिष्ट में एक्सरसाइज़, मौसम के प्रभाव या आनुवांशिक प्रवृत्ति (genetic predisposition) के कारण होता है। आम तौर पर अगर परिवार में आनुवांशिकता के तौर पर अस्थमा की बीमारी है तो इसके होने की संभावना बढ़ जाती है। अस्थमा कभी भी ठीक नहीं हो सकता है लेकिन कई प्रकार के ट्रीटमेंट के द्वारा इसके लक्षणों को नियंत्रण में लाया जा सकता है या बेहतर रहने की कोशिश की जा सकती है। डॉक्टर एनसी पांडे ने होम्योपैथिक दवाएं बताई। उन्होंने कसरत करने का भी सुझाव दिया।

  • Arsenicum Album 30CH ( अगर दिक्कत हो रही है तो 2-2 बूंदे दिन में तीन बार)
  • Blatta Orientalis Q ( 15-20 बूंदे दिन में तीन बार गर्म पानी में )
  • Adel 10 ( दिन में तीन बार )
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