Uttarakhand News

नई सोच नया प्लान:मोबाइल बंद या व्यस्त हुआ तो कुमाऊंनी और गढ़वाली मिलेगी जानकारी !


https://www.facebook.com/deepp.negi/videos/10210473055048770/

हल्द्वानी:देवभूमि उत्तराखणड आज पलायन से जूझ रहा है। इसके चलते यहां की कुमाऊंनी और गढ़वाली भाषा भी विलीन हो गई। लोग शहर की ओर चले गए और देवभूमि की संस्कृति को भूल गए। लेकिन अब बदलाव की सोच सामने आई है। जिस तरह से सोशल मीडिया के माध्यम से उत्तराखण्ड को उसकी भाषा वापस दिलाने का प्रयास हो रहा है उसी तरह एक नई सोच सोच संस्था की है। जिसका प्लान है कि मोबाइल पर उत्तराखण्ड की भाषा को मोबाइल पर जीवित किया जाए। आप सोच रहे होगे की हम मोबाइल पर तो गाने रखते ही है जीं नही ऐसा बिल्कुल नहीं है। सोच संस्था की सोच थोड़ी भिन्न है। उनके अनुसार लगभग देश के हर राज्य के पास उनकी भाषाओं का आई.वी.आर ( इंटरैक्टिव वाइस रिस्पांस )होता है जो हमारा उत्तराखण्ड उसका उपय़ोग क्यों नहीं करते है। इंटरैक्टिव वाइस रिस्पांस में जब किसी का मोबाइल बंद होता है तो कॉल करने वाले रिजनल भाषा में वाइस सुनाई देती है ।( जहां का नंबर है वहां की भाषा) उनके अनुसार अगर यह सुविधा हमारे राज्य में भी आ जाए तो उत्तराखंडवासी देश के दूसरे कौने से भी अपनी भाषा को सुन पाएंगे। अगर फोन बंद है और व्यस्त है तो यहं कुमाऊंनी और गढ़वाली वाइस में जानकरी देगा  इसके साथ-साथ दूसरे राज्यों के लोग भी जब उत्तराखंड में फ़ोन करेंगे तो उन्हें कम से कम उन्हें हमारी भाषाओ का पता लगेगा।

Join-WhatsApp-Group

Image may contain: 1 person

सोच संस्था ने अपने इस प्लान को उत्तराखण्ड सरकार के पास रख दिया है। सोच संस्था के सदस्य दीप नेगी द्वारा एक वीडियो सोशल मीडिया में डाला है जिसमें उन्होंने पूरे प्लान के बारे में बताया है। वह बताते है कि इंटरैक्टिव वाइस रिस्पांस की मदद से हम कुमाऊंनी और गढ़वाली भाषा का प्रचार प्रसार कर सकेंगे। इससे हमारे युवा भी अपनी भाषा के टच में रहेंगे।

No automatic alt text available.

To Top