लखनऊ- यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट का पहली मीटिंग में ऐतिहासिक फैसला लिया है.यूपी विधानसभा चुनावों मे़ं जो वायदा पीएम मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने जनता से किया था उसे आज कैबिनेट की पहली मीटिंग में ही पूरा कर लिया गया है। यूपी के किसानों का एक लाख रुपए तक का कर्ज योगी आदित्यनाथ ने माफ़ कर दिया है। कैबिनेट की मीटिंग के बाद यूपी सरकार में मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने कहा’ ये लघु और सीमांत किसानों के बारे में हैं और फसली ऋण से संबंधित है। उत्तर प्रदेश के अंदर लगभग 2.3 करोड़ किसान हैं। इसमें 2.15 करोड़ किसान लघु और सीमांत किसान हैं। उनका 30,729 करोड़ रुपये का कर्ज़ माफ़ किया गया है। इसके अंदर एक लाख रूपये तक का ऋण लेने वाले किसानों का कर्ज़ माफ़ किया जाएगा । उन्होंने साथ ही कहा कि इसके अलावा उन किसानों का कर्ज़ भी माफ़ किया गया है जो गैर निष्पादित संपत्तियां (एनपीए) बन चुकी थीं। ऐसे किसानों का 5,630 करोड़ रुपये का कर्ज़ माफ़ किया गया है। ये बताया गया कि कर्ज माफ़ी की ये रकम किसान बांड के ज़रिए जुटाई जाएगी। किसानों की कर्ज माफी का जिक्र बीजेपी के चुनावी संकल्प था।हालांकि अखिलेश यादव ने इसे लेकर बीजेपी को घेरा और कहा पहले सब किसानों की ऋण माफी की बात कही थी अब सिर्फ एक लाख तक के लोन ही माफ किए जा रहे हैं।इससे पहले 2009 में यूपीए ने पूरे देश के किसानों के लोन माफ किए थे। योगी सरकार ने साथ ही किसानों के लोन माफ करने के साथ साथ किसानों के लिए कुछ और बड़े फैसले लिए।
अब यूपी में पांच हजार गेंहू ख़रीद के केंद्र बनाए जाने का एलान किया गया है। इस बार अस्सी लाख मीट्रिकटन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा है। 1625 रूपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य के अलावा 10 रूपये प्रति क्विंटल अतिरिक्त ढुलाई और लदाई के लिएदिया जाएगा।पैसा सीधे बैंक में जाएंगे इसके अलावा आलू पैदा करने वाले किसानों को किस तरह से राहत दे सकें, इसके लिए उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या की अध्यक्षता में समति का गठन किया गया है।यूपी में योगी आदित्यनाथ के इस फैसले से किसानों के अच्छे दिन आने की शुरुआत हो चुकी है. ऐसी चर्चा चारों तरफ है।