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बगावत की चिंगारी के चपेट में उत्तराखण्ड सरकार, 20 विधायकों ने खोला मोर्चा

देहरादून: उत्तराखण्ड की राजनीति में बगावत शब्द काफी कॉमन रहा है। पिछली सरकार के वक्त भी विधायक सीएम के विरोध में खड़े हो गए थे और वहां से राजनीति में भूचाल आ गया था। भाजपा शासन में भी बागवात की चिंगारी लग चुकी है अब देखने होगा कि इस चिंगारी को आग बनने से रोका जाता है या नहीं। उत्तराखंड भाजपा की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के खिलाफ भाजपा विधायकों ने बगावत का बिगुल बजा दिया है। भाजपा विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन ने सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और सूबे के कई मंत्रियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे राज्य के मुखिया और यहां के कई मंत्रियों के खिलाफ दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से शिकायत करेंगे।

मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार को मिटाने की घोषणा की मजाक करते हुए चैम्पियन ने कहा कि हरिद्वार जिला पंचायत की संचालन समिति के दो सदस्यों मौहम्मद सत्तार और अमी लाल ने अधिकारियों को धमकाकर कई वाउचरों में दस्तखत किये। उन्होंने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री और हरिद्वार जिले से एक मात्र मंत्री मदन कौशिक से की। परंतु इन भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।

उन्होंने कहा कि वो किसी मंत्री संतरी से नहीं डरते है। उनके सामने सरकार के मंत्री-सन्तरी कोई हैसियत नहीं रखते हैं। वे शेर हैं, चैम्पियन हैं, उनके सामने मंत्री-सन्तरी पानी भरते हैं। वहीं दूसरी ओर देहरादून में सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा सांसद रमेश पोखरियाल निशंक के घर भाजपा के 20 से ज्यादा विधायक और मंत्री चाय पार्टी में जुटे। जिला पंचायत के विवाद को लेकर निशंक चैम्पियन के साथ हैं। क्योंकि निशंक के धुर विरोधी कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक बसपा नेता मौहम्मद सत्तार को जिला पंचायत की संचालन समिति से हटाये जाने के खिलाफ हैं।

निशंक के घर यशपाल आर्य भी पहुंचे थे। चैम्पियन की बगावत और निशंक के घर में भाजपा विधायकों की चाय पार्टी ने राज्य की राजनीति में तूफान खडा कर दिया है। चैम्पियन ने कहा कि एक मंत्री के इशारे पर बसपा के एक जिला पंचायत सदस्य को हरिद्वार जिला पंचायत की संचालन समिति का सदस्य बनाया गया।

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