
देहरादून: उम्र सिर्फ एक नंबर है। यह बात देहरादून की रहने वाली 66 वर्षीय निर्मला नेगी ने सच साबित कर दी है। लोग उन्हें अब ‘शटलर दादी’ के नाम से जानते हैं। हाल ही में श्रीलंका में आयोजित सीलोन मास्टर्स इंटरनेशनल बैडमिंटन चैंपियनशिप 2025 में उन्होंने देश के लिए गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल जीतकर उत्तराखंड और भारत का नाम रोशन किया।
निर्मला नेगी ONGC देहरादून से रिटायर्ड हैं, लेकिन बैडमिंटन से उनका रिश्ता आज भी उतना ही मजबूत है। उन्होंने 1982 में ओएनजीसी जॉइन किया और वहीं से उन्होंने अपने स्पोर्ट्स करियर की शुरुआत की। रिटायरमेंट के बाद भी उन्होंने खेलना जारी रखा और आज उनके घर में मेडल्स और ट्रॉफियों की भरमार है।
श्रीलंका में हुई प्रतियोगिता में उन्होंने 65 प्लस महिला डबल्स कैटेगरी में अहमदाबाद की तारामती परमार के साथ गोल्ड मेडल जीता। इसके अलावा 130 डबल्स में सिल्वर और इंडिविजुअल कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल भी अपने नाम किया।
निर्मला नेगी बताती हैं कि वह नियमित रूप से एक्सरसाइज करती हैं और अपने खानपान पर खास ध्यान देती हैं। वह पहाड़ी उत्पाद जैसे कोदा, झंगोरा और देसी अनाज को अपनी सेहत का राज मानती हैं। उन्होंने कहा कि उम्र बढ़ने के साथ बीमारियां आम हो जाती हैं…लेकिन सही खानपान और जीवनशैली से बहुत कुछ बदला जा सकता है।
‘शटलर दादी’ ने युवा पीढ़ी को जंक फूड से दूर रहने और खेलों को जीवन में शामिल करने की सलाह दी। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे बच्चों को सिर्फ पढ़ाई तक सीमित न रखें, बल्कि खेलों के प्रति प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा जो बच्चे पढ़ाई में कमजोर हैं…उन्हें खेल एक बेहतरीन करियर दे सकता है। आज स्पोर्ट्स में भी अच्छे खिलाड़ियों को नौकरी और पहचान दोनों मिल रही है।
निर्मला नेगी के इस उत्कृष्ट प्रदर्शन पर खेल सचिव अमित सिन्हा ने उन्हें सम्मानित किया। देहरादून समेत विभिन्न स्थानों पर उनके लिए सम्मान समारोह भी आयोजित किए जा रहे हैं। ‘शटलर दादी’ अब सिर्फ एक नाम नहीं…बल्कि एक प्रेरणा बन चुकी हैं…खासकर उन लोगों के लिए जो सोचते हैं कि अब कुछ करने की उम्र नहीं रही।

