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राज्यसभा से भी पारित हुए तीनों क्रिमिनल बिल, गृह मंत्री अमित शाह बोले अब समय पर मिलेगा न्याय

Rajya Sabha Bill Passed: देश की न्याय व्यवस्था में सुधार करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने तीन विधेयक लोकसभा में प्रस्तुत किए थे। जो बुद्धवार को भारी मतों के साथ लोकसभा से पास हुए। लोकसभा से पास होने के बाद राज्यसभा पहुंचे इन विधेयकों पर विस्तार से चर्चा हुई। विपक्ष के सभी प्रश्नों का अमित शाह ने जवाब दिया साथ ही कुछ नए बिंदुओं पर भी प्रकाश डाला। जिसके बाद यह विधेयक राज्यसभा से बिल बनकर बहार आए।

इसी के साथ महिलाओं के लिए मोदी सरकार E-FIR जैसा नया नियम लेकर आई है। जिससे बलात्कार, छेड़-छाड़ और जबरन शारीरिक संबंध बनाए जाने से पीड़ित महिलाओं की जानकारी गोपनीय रखी जाएगी।

  डायनामाइट, विस्फोटक सामग्री, जहरीली गैस या परमाणु के उपयोग से आम नागरिकों की हत्या को अमित शाह ने आतंकवाद की परिभाषा बताया। अमित शाह बोले सरकार या किसी व्यक्ति विशेष के विरोध में किए प्रदर्शन को अब राजद्रोह नहीं माना जाएगा। बल्कि भारत की अखंडता, एकता और सम्प्रभुता के खिलाफ किया गया कोई भी कृत्य राजद्रोह होगा।

रोड सेफ्टी और रोड क्राइम के नियमों में भी अहम बदलाव किए गए हैं। हिट एंड रन के अपराधियों को अब 10 साल की सजा होगी। साथ ही स्नैचिंग के अपराधियों के लिए 3 साल की सजा सुनिश्चित की गई है।

लेकिन इन सबसे बड़ा एक और बदलाव भारत के संविधान को और मज़बूत बनाता है। और वह है किसी भी अपराधी द्वारा दया याचिका दर्ज करना। भारत के संविधान में विश्वास नहीं रखने वाले आदतन अपराधी के लिए कोई भी NGO दया याचिका दर्ज नहीं कर सकेगा। अब अपराधी को राष्ट्रपति के नाम स्वयं क्षमा पत्र लिखकर याचिका दर्ज करनी होगी।

अमित शाह बोले कि जिस अपराधी को संविधान पर विश्वास ना हो उसके लिए संविधान में दिया गया दया का प्रावधान भी नहीं होना चाहिए। इसलिए अपराधी को पहले भारत के संविधान को सर्वोच्च मानकर राष्ट्रपति को स्वयं दया याचिका लिखनी होगी जिसपर नियमानुसार विचार किया जाएगा।

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