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पौढ़ी की आरुषि बनी पायलट, एस्ट्रोनॉट बनने का है सपना


Pauri Success Story: Arushi Negi Became Pilot:

देवभूमि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वालों का आम जीवन भी कई लोगों की कल्पना से भी अधिक ऊंचाई पर होता है। बादलों के उप्पर रहना, हर मोड़ पर देवों के दर्शन होना केवल देवभूमि उत्तराखंड में ही संभव है। जितना हम उत्तराखंडवासी अपनी संस्कृति और परम्पराओं का आदर करते हैं उतना ही विश्वास देश के लिए अकल्पनीय उपलब्धियों की ऊंचाई छूने में भी करते हैं। ऐसी ही एक गगनचुम्बी सफलता की कहानी आज हम आपको बताने जा रहे हैं। यह खबर पौड़ी गढ़वाल जिले के भितांई गांव निवासी आरुषि नेगी की है जिन्होंने पायलट बनकर आसमान की ऊंचाइयों को छू लिया है।

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आपको बता दें कि पायलट बनने के बाद पहली बार आरुषि अपने पैतृक गांव पहुंची थी। आरुषि के गांव पहुँचने से पहले उनकी अभूतपूर्व उपलब्धि की चर्चा गांववासियों तक पहुँच गई। अपने माता-पिता संग इष्टदेव का आशीर्वाद प्राप्त करने पहुंची आरुषि और उनके माता-पिता का सभी ग्रामीणों ने जोरदार स्वागत किया। मिठाई, ढोल-दमाऊ और अपने आशीर्वाद के संग पूरे परिवार का स्वागत करने पहुंचे सभी ग्रामीणों ने मंदिर में एक साथ दर्शन किए। अपनी उपलब्धि से सभी गांववालों के चेहरे पर ख़ुशी लाने वाली आरुषि ने सभी का ह्रदय से आभार व्यक्त किया।

आपको बता दें कि आरुषि ने साल 2019 से कनाडा में रहकर ऑनर्स इन साइंस एंड एविएशन का डुएल डिग्री कोर्स किया था। जिसके बाद अब उन्हें पायलट का लइसेंस भी मिल गया है। आरुषि के पिता का नाम केशर सिंह नेगी है वे पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुके हैं और माता हिमानी नेगी गृहणी हैं। बेटी की इस उपलब्धि से पूरा परिवार बहुत खुश है साथ ही अपनी बेटी के सफल भविष्य की कामना भी कर रहा है। आरुषि की माता ने पत्रकारों द्वारा किए सवाल पर अपना जवाब देते हुए बताया कि आरुषि बचपन से ही एस्ट्रोनॉट बनना चाहती हैं, आरुषि का पायलट बनना उनके द्वारा देखे गए सपने के पूरा होने की बस शुरुआत है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अंतरिक्ष यात्री या खलोग यात्री को एस्ट्रोनॉट कहा जाता है।

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