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भीमताल का सदियों पुराना जल स्रोत सूखा, संकट के बीच युवाओं ने उठाई आवाज

भीमताल: पानी जिंदगी की सबसे महत्वपूर्ण चीज है। इससे पर्दा नहीं किया जा सकता है कि इस आधुनिक काल में जल संकट की संभावनाएं लगातार प्रबल होती जा रही हैं। ये कहानी किसी विशेष गांव, शहर, जिले, राज्य की नहीं बल्कि पूरे भारत और संपूर्ण विश्व की है। जल संकट को टालने के लिए शासन प्रशासन अपनी ओर से भरसक प्रयास जरूर कर रहे हैं। मगर कहीं ना कहीं ये प्रयास भी कमतर साबित हो रहे हैं। भीमताल की बात करें तो यहां एक मुख्य जल स्रोत एक हफ्ते में अचानक से सूख गया है।

जी हां, झीलों के शहर भीमताल में सदियों से बहने वाला वो जल स्रोत, जो 20 लीटर प्रति मिनट की क्षमता से पानी देता था, धीरे-धीरे अब पूरी तरह सूख चुका है। इस संकट से आमजन को बचाने का बीड़ा सामाजिक कार्यकर्ता पूरन चंद्र बृजवासी ने उठाया है। पूरन बताते हैं कि इस जल स्रोत जल संस्थान, सिंचाई विभाग, नगर पंचायत के अधिकारी मौन बैठे हैं। जबकि ये जल स्रोत भीमताल झील को रीचार्ज करने का मुख्य स्रोत था।

उन्होंने बताया कि इस जल स्रोत के सूखने से नगर वासी चिंतित हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अपने जीवन काल में इस वर्ष पहली बार ये स्रोत सूखा देखा, इस जल स्रोत के सूखने से आस-पास के इलाके में पानी की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। जल संरक्षण से जुड़ी गंभीर एवं चिंतित समस्या को देखते हुए सामाजिक कार्यकर्ता पूरन चंद्र बृजवासी ने जिला अधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी से इस जल स्रोत की जांच कर पुनर्जीवित करने की मांग की है।

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