लोहाघाट: राज्य के युवा ना सिर्फ आत्मनिर्भर बन रहे हैं बल्कि दूसरों को भी रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं। किसानी के क्षेत्र में उभरता हुआ नाम चंपावत जिले के लोहाघाट विकास खंड के मौड़ा गांव निवासी युवा नवीम सिंह बोहरा का भी है। युवाओं के लिए प्रेरणा बन रहे काश्तकार नवीन बोहरा तमाम तरह की सब्ज़ियों व फलों का उत्पादन कर प्रति सीज़न 80 हज़ार से एक लाख रुपए तक कमा रहे हैं।
किसानी के क्षेत्र में युवाओं को आगे बढ़ता देखने से कई अन्य युवा भी प्रेरित होते हैं। लिहाजा किसानों के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। ठीक वैसे ही युवाओं के बिना समाज का ढांचा खड़ा नहीं हो सकता। बहरहाल लोहाघाट के 35 वर्षीय काश्तकार नवीन बोहरा युवा होने के साथ किसानी में भी झंडे गाड़ रहे हैं।
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इस काश्तकार ने हाईस्कूल पास करने के बाद 2010 से मौड़ा गांव के गैनोला तोक से सब्जी के उत्पादन की शुरुआत की। दिक्कतें आना लाजमी था क्योंकि सिंचाई की वयवस्था पुख्ता नहीं थी। मगर सिर उठाकर आगे बढ़ते जाने के इरादे ने नवीन को रुकने नहीं दिया। खेतों से 1500 मीटर दूर पानी के स्रोत से इन्होंने सिंचाई की व्यवस्था कर सब्जी उत्पादन का क्षेत्र बढ़ाया।
मौजूदा वक्त में नवीन के पास दो छोटे और एक बड़ा पॉलीहाउस है। पॉलीहाउस में वे शिमला मिर्च, बैगन, गोभी, प्याज के पौधे तैयार करते हैं। वर्तमान में उन्होंने 60 हजार शिमला मिर्च के पौधे तैयार किए हैं, जिन्हें बारिश होते ही बेचना शुरू कर देंगे। बता दें कि लोहाघाट के बाजार में सबसे पहले नवीन की ही सब्जियां आती हैं। भाव अच्छा मिलने के कारण आय भी काफी बेहतर हो जाती है।
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नवीन बोहरा बताते हैं कि उन्होंने केवल दूरदर्शन पर आने वाले किसान चैनल को देखकर ही किसानी की तकनीकें सीखी हैं। नवीन ने बताया कि उद्यान विभाग की ओर से उन्हें कभी प्रोत्साहित नहीं किया गया। फिलहाल विभाग की ओर से फटे पॉलीहाउस की पन्नियां बदलने का आश्वासन दिया गया है।
काश्तकार नवीन बोहरा अपने पॉलीहाउस में पैदा किए गए सब्जी पौधों से आस-पास के बेरोजगार लोगों को रोजगार देने का काम भी करते हैं। बेरोजगार सब्जियों को बेचकर प्रति किलो कुछ अपने लिए भी बचा लेते हैं। जिससे उन्हें भी फायदा होता है।
सिंचाई व्यवस्था की परेशानी को अब कृषि विभाग टैंक बनाकर दूर करने की सोच रहा है। जिला उद्यान अधिकारी चम्पावत एसके शर्मा ने कहा कि काश्तकार नवीन बोहरा को प्रोत्साहित किया जाएगा। साथ ही दो और पॉलीहाउस लगाने का आवेदन भी किया गया है। जल्द उन्हें पॉलीहाउस दिए जाएंगे। जल्द परिक्षेत्र भ्रमण कर उन्हें सब्जी उत्पादन का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
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