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चंद्रयान-3 मिशन को मिली सफलता, युवा वैज्ञानिक आयुष ने निभाई बड़ी जिम्मेदारी

CHANDRAYAN-3 MISSION: चंद्रयान-3 मिशन कामयाब रहा। पूरे देश में चंद्रयान की लैंडिंग के बाद देश में जश्न का माहौल है। इस मिशन से जुड़े वैज्ञानिकों की टीम में झारखंड के युवा वैज्ञानिक आयुष झा भी शामिल रहे। आयुष पश्चिम सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर शहर के रहने वाले हैं। आयुष मिशन चंद्रयान-3 में बतौर इसरो वैज्ञानिक के तौर पर काम कर रहे हैं। चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग कराने वाली टीम में उनकी भूमिका अहम रही है। चक्रधरपुर चाईबासा समेत पूरे पश्चिम सिंहभूम जिले में जश्न का माहौल है। आयुष ने इसी जिले से अपनी माध्यमिक शिक्षा प्राप्त की थी।

आयुष झा की स्कूल प्रिंसिपल का कहना है कि आयुष ने न सिर्फ चंद्रयान मिशन तीन में शामिल हुए हैं बल्कि चंद्रयान मिशन दो में भी उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही थी। प्रिंसिपल ने आयुष झा से अपील भी की है कि वो एक दिन स्कूल जरूर आएं ताकि बच्चों को उनसे प्रेरणा मिल सके।

बता दें की इसरो वैज्ञानिक आयुष झा के पिता ललन कुमार झा चक्रधरपुर में प्राइमरी स्कूल में शिक्षक थे। मां विनीता झा हाउस वाइफ हैं। आयुष झा ने पश्चिमी सिंहभूम के जवाहर नवोदय विद्यालय से दसवीं करने के बाद डीएवी बिष्टुपुर से 12वीं पूरी की। जेईई में सफल होने के बाद इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी तिरुवनंतपुरम से ग्रेजुएशन किया।

भारत का चंद्रयान-3 बुधवार (23 अगस्त) को इतिहास रचते हुए चांद के साउथ पोल (South Pole) पर लैंड कर गया।चंद्रयान-3 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग (Soft Landing) पर इसरो (ISRO) ने ट्वीट कर बधाई दी है। चांद के साउथ पोल पर अभी तक कोई नहीं पहुंचा था। भारत ऐसा करने वाला पहला देश बन गया है।

विक्रम लैंडर की लैंडिंग के लाइव टेलीकास्ट में पीएम मोदी भी दक्षिण अफ्रीका से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसरो के केंद्र से जुड़े हुए थे। पीएम मोदी ने पूरे देश को बधाई देते हुए कहा कि जब हम ऐसे ऐतिहासिक क्षण देखते हैं तो हमें बहुत गर्व होता है। ये नए भारत का सूर्योदय है। हमने धरती पर संकल्प किया और चांद पर उसे साकार किया. भारत अब चंद्रमा पर है।

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