
देहरादून: ऐसा लगता है कि मेघों को उत्तराखंड बेहद पसंद है। मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों के अनुसार, उत्तराखंड में पड़ोसी राज्यों हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की तुलना में हर साल अधिक बारिश दर्ज की जाती है।
राज्य में वार्षिक औसत वर्षा 1477.6 मिमी है, जो कि हिमाचल (1245.1 मिमी), जम्मू-कश्मीर व लद्दाख (1232.3 मिमी), पश्चिमी उत्तर प्रदेश (765.3 मिमी), पंजाब (565.5 मिमी) और दिल्ली-हरियाणा-चंडीगढ़ क्षेत्र (527.1 मिमी) से कहीं अधिक है।
राज्य की राजधानी देहरादून में तीन जून को 23.2 मिमी, चार को 7.8 मिमी और पांच जून को 0.4 मिमी बारिश दर्ज की गई। इस लगातार हो रही बारिश के कारण गर्मी से कुछ हद तक राहत महसूस की गई है।
मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार, उत्तराखंड में मानसून के दौरान औसतन 1162.7 मिमी बारिश होती है, जिसमें जुलाई और अगस्त सबसे ज्यादा भीगे हुए महीने रहते हैं। उन्होंने बताया कि बंगाल की खाड़ी की शाखा उत्तराखंड में अधिक प्रभावी होती है, जिससे यहां अधिक बारिश होती है।
मौसम विभाग ने 1989 से 2018 के बीच दैनिक वर्षा आंकड़ों का विश्लेषण कर बताया कि कई जिलों में वर्षा के पैटर्न में बदलाव आया है।
नैनीताल, रुद्रप्रयाग, चमोली और बागेश्वर में वार्षिक वर्षा में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गई है।
वहीं पौड़ी जिले में मानसून और वार्षिक वर्षा में कमी दर्ज की गई है।
पिछले 26 वर्षों में उत्तराखंड में केवल तीन बार औसत से अधिक बारिश हुई है वर्ष 2000, 2007 और 2010 में। वहीं छह बार न्यूनतम और 18 बार सामान्य बारिश रिकॉर्ड की गई।

