देहरादूनः मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता दर्शन हाॅल में हर्षल फाउण्डेशन एवं दून संस्कृति, देहरादून द्वारा महिलाओं की सुरक्षा एवं हिंसा पर आयोजित एक दिवसीय सेमिनार का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि महिलाएं हमारे समाज का आधा हिस्सा हैं।
नारी के बिना सृष्टि व समाज की कल्पना नहीं की जा सकती है। जब समाज का यह आधा हिस्सा सशक्त होगा, तभी समाज मजबूत होगा। महिला सशक्तीकरण के लिए महिलाओं का आर्थिक व शारीरिक रूप से भी सशक्त होना होना भी जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं के प्रति सबके मन में सम्मान का भाव हो इसके लिए आत्मानुशासन विकसित होना जरूरी है। इसके लिए बच्चों को बचपन से ही सही संस्कार मिलने आवश्यक हैं। किसी भी समस्या का समाधान समाज की जागरूकता से ही संभव है। देश में विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए अनेक कानून बने हैं। नैतिकता व मर्यादाओं में जीवन जीना किसी भी समस्या का स्थाई समाधान है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य सरकार ने महिला सशक्तीकरण की दिशा में अनेक कदम उठाये हैं। प्रदेश में महिला समूहों को 5 लाख रूपये तक का ऋण बिना ब्याज के दिया जा रहा है। एलईडी के उपकरण बनाने के लिए महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
गत वर्ष केदारनाथ में महिला समूहों द्वारा 2 करोड़ रूपये का प्रसाद वितरित किया गया. केन्द्र सरकार भी महिला सशक्तीकरण की दिशा में निरंतर प्रयासरत है। ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान को शीर्ष प्राथमिकताओं में रखा गया है। उन्होंने कहा कि हर्षल फाउण्डेशन एवं दून संस्कृति, दिव्यांगों तथा महिला सशक्तीकरण की दिशा में सराहनीय कार्य कर रहे हैं।
विधायक खजानदास ने कहा कि हर्षल फाउण्डेशन एवं दून संस्कृति ने महिलाओं के उत्थान, दिव्यांगों के पुनर्वास व स्वास्थ्य के क्षेत्र में अच्छी पहल की है। महिला आयोग की अध्यक्ष विजया बड़थ्वाल ने कहा कि एक मजबूत समाज की परिकल्पना तभी कि जा सकती है जब महिलाओं व पुरूषों को समान भाव से देखा जाए।
महिलाओं के प्रति सबके मन में सम्मान का भाव होना जरूरी है. समाज की जिम्मेदारी है कि बच्चों को अच्छी राह मिले। उन्होंने कहा कि नशा और मोबाईल का दुरूपयोग हिंसा को बढ़ावा देने के प्रमुख कारणों में हैं, महिला आयोग में इनसे सबंधित शिकायतें अधिक प्राप्त हो रही हैं। महिला सुरक्षा के लिए राज्य में पैनिक बटन की शुरूआत की गई है।
हर्षल फाउंडेशन की ट्रस्टी सेक्रेटरी मती रमा गोयल ने कहा कि हर्षल फाउण्डेशन द्वारा निःशुल्क दिव्यांग सहायता शिविर लगाये गये. दिव्यांगों को कृत्रिम पैर, व्हीलचेयर, ट्राईसाइकिल, बैसाखी आदि अन्य साधन उपलब्ध कराये गये. महिला सशक्तीकरण, बालिका शिक्षा आदि क्षेत्रों में भी कार्य किये जा रहे हैं।