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उत्तराखंड:विक्रांत उनियाल ने फतह किया एवरेस्ट, पहली बार में विंग कमाउंडर को मिली कामयाबी

देहरादून: देवभूमि के युवा हर क्षेत्र में राज्य का नाम रौशन कर रहे हैं। हम रोजाना उनकी कामयाबी की कहानी आप सभी के बीच लेकर आते हैं। उत्तराखंड के एक और लाल ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। देहरादून निवासी एयरफोर्स विंग कमांडर विक्रांत उनियाल ने पहली बार में ही एवरेस्ट फतह कर ली और इसके बाद उन्होंने जो किया वो सुनने के बाद आपके रोंगते खड़े हो जाएंगे। एयरफोर्स विंग कमांडर विक्रांत उनियाल भारतीय सेना का हिस्सा हैं और उन्होंने अपनी कामयाबी को देश को समर्पित कर दिया। एवरेस्ट पर पहुंचकर राष्ट्रध्वज, भारतीय वायुसेना का ध्वज फहराकर, राष्ट्रगान गाया और पूरे देश को गौरवान्वित महसूस कराया है। उन्होंने 21 मई को एवरेस्ट को फतह की और अब वापसी का सफर तय कर रहे हैं।

एयरफोर्स विंग कमांडर विक्रांत उनियाल के नाम एक अनोखी कामयाबी भी जुड़ गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आजादी के अमृत महोत्सव पर विश्व की सबसे ऊंची चोटी पर राष्ट्रगान गाने वाले वह पहले शख्स हैं। अपनी इस कामयाबी का श्रेय एयरफोर्स विंग कमांडर विक्रांत उनियाल ने माता-पिता और भाई को दिया। उन्होंने कहा कि अपनों के आशीर्वाद से उन्हें कामयाबी मिली। अगर लक्ष्य के प्रति अडिग रहा जाए तो किस्मत भी साथ देती है।

एयरफोर्स विंग कमांडर विक्रांत उनियाल ने 7वीं कक्षा में ही नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनिंग से उन्होंने पर्वतारोहण का कोर्स किया था। साल 1997 में एनडीए और वर्ष 2000 में कमीशन प्राप्त किया। उन्होंने इंटर के बाद पहले ही प्रयास में एनडीए परीक्षा क्लियर की थी। वह टिहरी गांव के मूल निवासी है और वर्तमान में देहरादून में रह रहे हैं। एयरफोर्स का हिस्सा बनने के बाद साल 2018 में सियाचिन में आर्मी माउंटेनरिंग इंस्टीट्यूट (एएमआई) से प्रशिक्षण लिया। लद्दाख की जंस्कार घाटी में सर्दियों में बेहद दुर्गम चादर ट्रैक किया और फिर एवरेस्ट चढ़ने का लक्ष्य बनाया। दिसंबर 2021 में अरुणांचल में उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनरिंग एंड एलाइड स्पोर्ट्स (निमास) से प्रशिक्षण किया। 15 अप्रैल को उन्होंने अपनी यात्रा शुरू की थी। उम्मीद जताई जा रही है कि जून के पहले हफ्ते में विंग कमांडर देहरादून पहुंच जाएंगे और उनका भव्य स्वागत होगा। उनके देहरादून आवास पर लोगों बधाई देने के लिए पहुंच रहे हैं।

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