नई दिल्ली: निदाहास ट्रॉफी के फाइनल में आखिरी गेंद पर छक्का मारकर भारत को मैच जिताने वाले भारतीय विकेट कीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक ने सालों से दिल में छिपाया अपना दर्द बयां किया है। कार्तिक ने कहा है कि धोनी के जलवे दुनिया के सामने आने के बाद उनकी टीम में आने की उम्मीदें खत्म हो गई थीं।
दरअसल दिनेश कार्तिक इन दिनों भारत बनाम इंग्लैंड सीरीज में अंग्रेजी कमेंट्री का जिम्मा संभाल रहे हैं। पूर्व भारतीय क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने दिनेश कार्तिक का एक इंटरव्यू अपने यूट्यूब चैनल के लिए लिया है। जिसमें कार्तिक खुल कर धोनी के प्रभाव आदि के बारे में बात करते नजर आ रहे हैं।
कार्तिक ने कहा कि धोनी के आने के बाद उनके प्रदर्शन ने सभी को चकित कर दिया था। बकौल कार्तिक, “धोनी के प्रदर्शन के बाद मुझे पता चल गया था कि मेरे लिए दरवाजे बंद हो चुके हैं। विकेटकीपर एक दशक तक चलते हैं। उदाहरण के तौर पर आप पहले सैयद किरमानी, फिर किरण मोरे और बाद में धोनी को देख सकते हैं।”
दिनेश कार्तिक ने कहा कि इयान हिली और एडम गिलक्रिस्ट जैसे खिलाड़ी कम से कम देश के लिए 10-12 साल खेल सकते हैं। धोनी जैसा क्रिकेटर सालों में एक बार आता है।
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गौरतलब है कि साल 2007 के इंग्लैंड दौरे पर कार्तिक ने भारत की तरफ से सबसे ज्यादा 263 रन बनाए थे। कार्तिक ने छह पारियो में 43.83 से रन बनाए थे। इसमें 3 अर्धशतक भी शामिल थे। कार्तिक ने कहा कि इस प्रदर्शन के बाद धोनी और राहुल द्रविड़ ने उन्हें बल्लेबाजी पर ज्यादा ध्यान देने के लिए कहा।
कार्तिक ने कहा धोनी और राहुल द्रविड़ की सीख के बाद घरेलू क्रिकेट में ढेर सारे रन भी बल्ले से निकले। बतौर ओपनर भी काफी रन बने। लिहाजा कार्तिक के दिल में जहां एक टीस है वहीं उनके मन में धोनी को लेकर बहुत प्यार और सम्मान भी है। इस इंटरव्यू से ये बात तो सामने आ गई।
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