हल्द्वानी: कुमाऊं की पौराणिक ऐपण कला अब सांस्कृतिक विरासत को संजोए रखने के साथ-साथ स्वरोजगार का भी एक बड़ा माध्यम बन रही है और इस कला को संरक्षित कर स्वरोजगार से जोड़ने की पहल नैनीताल जिले की कमान संभालते ही जिला अधिकारी सविन बंसल ने की। यही वजह है कि उनके कार्यकाल में अब तक न सिर्फ ऐपण कला को उद्यमिता विकास के रूप में प्रशिक्षित किया गया है, बल्कि ऐपण कला को विकसित कर एक बेहतर बाजार भी मिलने लगा है।
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इसी क्रम में पिछले 1 महीने से उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम में 29 महिलाओं को ऐपण कला की विभिन्न विधाओं के बारे में प्रशिक्षित किया गया। जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक विपिन कुमार ने बताया कि जिला अधिकारी सविन बंसल के निर्देश में जिले को ऐपण उत्पाद के रूप में पहचान दिलाने के उद्देश्य से लगातार उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम कराए जा रहे हैं। पिछले 1 माह के प्रशिक्षण के कार्यक्रम में ऐपण कला के महत्व और उससे आत्मनिर्भर होने के तरीकों से अवगत कराया गया है।
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जिला अधिकारी सविन बंसल की इस मुहिम का असर धीरे धीरे जिले में ऐपण कला को मिलते बाजार के रूप में देखा जा सकता है, क्योंकि प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान ही बेहतर एवं कला का प्रदर्शन कर रही। उद्यमी महिलाओं के ₹31000 के उत्पादों की बिक्री भी हो गई साथ ही उन्हें कई अन्य जगह से ऐपण कला के द्वारा सुसज्जित पेंटिंग्स के रूप में अतिरिक्त कार्य भी मिला है यही नहीं कोविड-19 के दृष्टिगत प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे महिलाओं को दो ₹2000 बतौर मानदेय के तौर पर भी वितरित किए गए हैं।
नैनीताल जिले में अपन कला को संरक्षित कर उसे स्वरोजगार वह आत्मनिर्भरता में बदलने के जिला अधिकारी के इस संकल्प को पूरा करने में महा प्रबंधक विपिन कुमार, पूर्व प्रबंधक योगेश पांडे, सुनील कुमार पंत, संजीव कुमार भटनागर मास्टर क्राफ्ट्समैन नीमा मेहरा, नीमा बिष्ट, तुलसी चंद्र, माधवी बिष्ट, कंचन सिंह, नेहा बंगारी, सुनीता जोशी, लीला नेगी, हेमा बिष्ट, दुष्यंत सिंह सहित महिला प्रशिक्षणार्थी मौजूद रहे।