हल्द्वानी:रिटायर मेंट के बाद हल्द्वानी में अकेले जिंदगी गुजार रहे बुजुर्गों की संख्या बहुत अधिक है। अकेले रहने के कारण अधिकतर बुजुर्ग ओल्ड ऐज डिप्रेशन की चपेट में आ रहे हैं। 6 महीने में 7 से अधिक बुजुर्ग डिप्रेशन के कारण आत्महत्या कर चुके हैं। मनोचिकित्सकों के अनुसार 40 फ़ीसदी बुजुर्ग डिप्रेशन की पहचान होने के बावजूद दोबारा हॉस्पिटल में अपनी काउंसलिंग कराने नहीं आते हैं।
हल्द्वानी में अकेले रहने वाले बुजुर्गों की अच्छी तादाद है। सरकारी सेवाओं से रिटायरमेंट ऐसे बुजुर्ग हैं जिनके बच्चे बाहर के शहर में रहते हैं और चिकित्सकों के अनुसार अकेलेपन के कारण बुजुर्ग भावनात्मक रूप से कमजोर हो जाते हैं। साथ ही वह समय के साथ हो रहे बदलाव को स्वीकार नहीं कर पाते हैं यही बुजुर्गों को उम्र भर के कोई सम्मान नहीं मिल पाता है।
हल्द्वानी मुखानी स्थित मनसा क्लीनिक की मनोचिकित्सक डॉक्टर नेहा शर्मा
डॉक्टर नेहा शर्मा बताती है कि अकेले रहने वाले बुजुर्गों में ज्यादा आते हैं मानसिक रुप में आग लगा अपने संघर्ष को पहचान उम्र बढ़ने को ना स्वीकारने वाले बुजुर्ग ज्यादा डिप्रेशन में रहते हैं और इनके जरिए इस परेशानी से छुटकारा पाया जा सकता है। उन्होंने ओल्ड एज डिप्रेशन की वजह लक्षण और उपाय भी बताएं
वजह
- अकेले चलते चलते टूट जाना
- खुद बुजुर्ग होने को स्वीकार ना करना
- कम सम्मान मिलने की सोच
- आत्मसम्मान को गहरी चोट लगना
- ज्यादा लंबी बीमारी के कारण परेशानी
लक्ष्यण
- छोटी बातों पर गुस्सा और नाराजगी जताना
- अपनी बात बनाने का दबाव बनाना
- शारीरिक कमजोरी को स्वीकार न कर पाना
- भूतकाल की घटनाओं से जुड़े रहना
उपाय
- खुद को व्यस्त रखने की कोशिश करें
- बच्चों को अपने दिल की बात बताएं
- उम्र के बदलाव को स्वीकार करें
- वर्तमान में जीने की कोशिश करें