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अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा,हिल गया है उत्तराखंड का मेवे का बाजार

देहरादून: अफगानिस्तान में जो हालात चल रहे हैं उसका असर बाजार में दिखने लगा है। तालिबान के कब्जे के बाद वहां पर सब कुछ बर्बाद हो गया है। लोग देश छोड़कर भाग रहे हैं। इस पूरे घटनाक्रम से मेवे के बाजार पर असर पड़ा है। ड्राई फ्रूट्स के रेट आसान छू रहे हैं क्योंकि माल की आवक बंद हो गई है। त्योहारी मौसम में लोग ड्राई फ्रूट्स काफी खरीदते हैं और ऐसे में दामों में उछाल उनकी जेब को ढीला कर रहा है। इसके अलावा दामों के बढ़ने से खरीदी पर भी असर पड़ रहा है।

13 अगस्त के बाद से अफगानिस्तान के हालात खराब हो गए है। तालिबान के कब्जे के बाद बादाम, अखरोट, अंजीर, किशमिश, मुनक्का, पिस्ता के दाम आसमान छू रहे हैं। अफगानिस्तान से आवक बंद है तो बाजार को अमेरिका और अन्य देशों पर निर्भर होना पड़ रहा है। बता दें कि अफगानिस्तान से आयात होने वाले ड्राईफ्रूट में किशमिश, अखरोट, बादाम, अंजीर, पाइन नट या चिलगोजा, पिस्ता, सूखे खुबानी शामिल हैं।

ड्राईफ्रूट के व्यापार से जुड़े लोगों का कहना है कि हालात के सामान्य नहीं होने पर दाम लगातार बढ़ते रहेंगे। इनमें सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले बादाम की कीमत चार सौ रुपये प्रति किलो तक बढ़ गई है। त्योहारी सीजन में बढ़ी कीमत का असर स्थानीय निवासियों के लिए परेशानी का कारण बन रहा है। ऐसे में ड्राईफ्रूट की कीमतें बढ़ने का नुकसान ग्राहकों को उठाना पड़ रहा है।

ड्राईफ्रूट के दामों पर एक नजर

बादाम, 600 रुपये प्रति किलो, 1000 रुपये प्रति किलो

अंजीर, 1000 रुपये प्रति किलो, 1200 रुपये प्रति किलो

पाइन नट, 3000 रुपये प्रति किलो, 3500 रुपये प्रति किलो

किशमिश, 300 रुपये प्रति किलो, 400 रुपये प्रति किलो

अखरोट, 600 रुपये प्रति किलो, 700 रुपये प्रति किलो

पिस्ता, 800 रुपये प्रति किलो, 1000 रुपये प्रति किलो

सूखे खुबानी, 300 रुपये प्रति किलो, 400 रुपये प्रति किलो

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