हल्द्वानी: इस बार प्रदेश के शिक्षा विभाग की लापरवाही नहीं मनमर्ज़ी सामने आई है। दरअसल आठ फऱवरी से स्कूल खोलने के सरकार के फैसले को शिक्षा विभाग ने अपने मन मुताबिक बदल दिया। हल्द्वानी के अंतर्गत करीब 200 सरकारी स्कूलों में सोमवार को ही अर्द्धवार्षिक परीक्षा शुरू करा दी गई। जिसके लिए 14 हज़ार बच्चों को विद्यालय बुला लिया गया।
बता दें कि शिक्षा विभाग का फैसला था कि हल्द्वानी ब्लॉक के 200 सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं क्लास तक के बच्चों की परीक्षा जल्द आयोजित करानी है। जिसके लिए बकायदा नौ दिन की समय सूची भी तैयार कर ली गई। देखने वाली बात यह है कि शिक्षा विभाग की यह मनमर्ज़ी नैनीताल-भीमताल के आला अफसरों को कुछ नज़र नहीं आई।
यह भी पढ़े: उत्तराखंड में गाइडलाइन जारी, सिनेमाघरों को हाउसफुल करने की अनुमति मिली
यह भी पढ़े: नैनीताल को साफ सुथरा रखने के लिए नगर पालिका का मास्टर प्लान, लेक वार्डन की होगी तैनाती
कुछ दिन पहले ही सरकार ने यह फैसला भी लिया था कि प्रदेश में 1 से लेकर 12वीं तक की कक्षाओं की पढ़ाई को स्कूलों मे आठ फरवरी से शुरू किया जाएगा। जिससे पहले एसओपी भी जारी करने की बात कही गई थी। बहरहाल अब ना तो एसओपी ही आई थी और ना ही विभाग ने किसी आदेश का इंतज़ार किया। सोमवार को ही प्राइमरी, जूनियर हाइस्कूल और इंटर कॉलेजों में परीक्षाएं शुरू कर दी गईं।
हल्द्वानी के खंड शिक्षा अधिकारी हरेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि मूल्यांकन प्रारंभ हो गया है। पहली से आठवीं तक के करीब 200 स्कूलों के विद्यार्थी इसमें शामिल हैं। उन्होंने बताा कि विद्यार्थी अपनी मर्जी से घर या स्कूल से इसमें शामिल हो सकते हैं।
नैनीताल के मुख्य शिक्षा अधिकारी कमलेश कुमार गुप्ता ने कहा कि मूल्यांकन तो होना है मगर इसका आयोजन स्कूल में कराने की अनुमति नहीं है। अगर ऐसा हुआ है तो यह गलत है। उन्होंने इस मामले की जानकारी लेने की बात भी कही।
यह भी पढ़े: हल्द्वानी: लामाचौड़ की जगह गौलापार में बनेगा नया सरकारी डिग्री कॉलेज
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में लाइसेंस बनाना हुआ आसान,नियम तोड़ा तो फोटो क्लिक होगी और कटेगा चालान
यह भी पढ़ें: जनवरी बीत गया लेकिन नैनीताल में नहीं हुआ हिमपात, सैलानियों और व्यापारियों को अभी भी आस