Uttarakhand News: Coke Studio: folk singer kamla devi: एक बार फिर देवभूमि उत्तराखंड की मातृशक्ति ने अपने हुनर के दम पर पूरे पहाड़वासियों को गर्व की अनुभूति कराई है। बागेश्वर जिले के गरुड़ क्षेत्र स्थित लखनी गांव निवासी लोकगायिका कमला देवी की वर्षों की साधना को अब देश दुनिया को जानने का मौका मिलेगा। दरअसल, उत्तराखंड की लोकगायिका कमला देवी को जाने माने कोक स्टूडियो से न्यौता आया है। जैसा कि आप जानते ही हैं कि कोक स्टूडियो भारतीय लोक संगीत से लेकर पॉप म्यूजिक, हिपहॉप और वेस्टर्न संगीत का फ्यूजन तैयार करता है। यह भारत के सबसे लोकप्रिय संगीत कार्यक्रमों में से एक है। कोक स्टूडियो ने देश के कई गायकों को पहचान दी है। अब उत्तराखंड की लोकगायिका कमला देवी की बारी दुनियाभर के संगीत प्रेमियों के दिलों में छाने की है।
आज के वक्त में जब हर छोटा बड़ा कलाकार सोशल मीडिया के विभिन्न मंचों के जरिये अपनी कला को फैलाने का काम करता है, ऐसे में कमला देवी जैसे कलाकार कहीं गुम से नजर आते हैं। पहाड़ की विषम परिस्थितियों के बीच जीवनयापन की जिम्मेदारियों के बीच कमला देवी ने अपने भीतर संगीत की अलख को जलाए रखा। यही वजह है कि आज पहाड़ की प्रतिभा को जानने और सुनने के लिए देश दुनिया बेताब है। यह पल उत्तराखंड के लोगों को भी गर्व की अनुभूति करा रहा है।
गरुड़ के लखनी गांव निवासी कमला देवी जागर गायिका भी हैं। कमला देवी बताती हैं कि उनका बचपन गाय-भैंसों के साथ जंगल और खेत-खलिहानों के बीच बीता। इस बीच 15 साल की उम्र में उनकी शादी हो गई। ससुराल आईं तो यहां भी घर, खेतीबाड़ी में ही लगी रहीं। वह कहती हैं कि उन्हें न्यौली, छपेली, राजुला, मालूशाही, हुड़कीबोल आदि गीतों को गाने का शौक था। जंगल जाते वक्त वह गुनगुनाती और अपनी सहेलियों को भी सुनाती थीं। कपकोट, देवीधुरा, कोटाबाग, रामनगर, गरुड़ समेत कुमाऊं के कई क्षेत्रों में कमला देवी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुकी हैं। कमला देवी बताती हैं कि भारत की खोज कार्यक्रम के लिए उनका चयन हुआ था। कमला देवी दूरदर्शन पर भी उत्तराखंड के लोकगीतों व लोक जागरों की प्रस्तुति दे चुकी हैं।
कमला देवी बताती हैं कि उन्होंने नैनीताल के भवाली में एक छोटा सा ढाबा खोला था। यहां एक दिन प्रसिद्ध जागर गायक शिरोमणि पंत आए। उस समय वह काम करते हुए गीत गुनगुना रही थीं। गीत सुनकर पंत उनके पास पहुंचे और पूछने लगे कि क्या वह किसी गीत मंडली, ड्रामा वगैरह में काम करती हैं। उन्होंने तपाक से जवाब देते हुए कहा कि उन्हें गीत गाने का शौक तो है, लेकिन कभी गाने का मौका नहीं मिला। कमला देवी बताती हैं कि वह मुलाकात ही थी, जिसके बाद उन्हें गीत-संगीत जगत में मौका मिला। इसके बाद कमला देवी ने आकाशवाणी अल्मोड़ा में भी प्रस्तुति दी। वह कहती हैं कि उन्हें देहरादून भी पहली बार शिरोमणि पंत ने ही दिखाया था। अपने 40 साल के करियर का श्रेय वह शिरोमणि पंत को देती हैं।
इधर, कमला देवी को जाने माने म्यूजिक मंच कोक स्टूडियो से निमंत्रण मिलने के बाद उन्हें बधाई देने वालों का तांता लग गया है। हर कोई कमला देवी से कार्यक्रम को लेकर अपडेट ले रहा है। फिलहाल कोक स्टूडियो ने सीजन 2 के प्रसारण की जानकारी अभी साझा नहीं की है। ऐसे में उत्तराखंड समेत देशभर के संगीत प्रेमी इस शो का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। बता दें कि कोक स्टूडियो सीजन 2 में इस बार दिलजीत दोसांझ, श्रेया घोषाल, नेहा कक्कड़, एमसी स्क्वैर समेत कई गायक नजर आएंगे।