Haldwani: Startup: Uttarakhand: Hill Crop:नैनीताल के स्टार्टअप हिलक्रॉप्स को ऑन्त्रेप्रेन्योर चैंपियन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। समाधान संस्था द्वारा 2 मार्च को आयोजित दिल्ली के प्रगति मैदान में स्थित भारत मंडपम में हिल क्रॉप्स की टीम को इस सम्मान से नवाज़ा गया। संस्थापक योगेश साह और गौरव अग्रवाल ने सम्मान को हासिल किया। उन्हें ये सम्मान एग्रो सर्विस सेक्टर में अपने योगदान के लिए दिया गया। इस कार्यक्रम में कुल 10 कैटेगरी में सम्मान बांटे गए जिनमें एग्रो सेक्टर, सर्विस सेक्टर, फूड प्रोसेसिंग जैसे कैटेगरीज़ शामिल थीं।
हिलक्रॉप्स के योगेश साह और गौरव अग्रवाल ने बताया कि उनके पास दो बिज़नेस मॉडल हैं जिसमें वो हिलक्रॉप्स के नाम से B2B मॉडल में काम करते हैं जबकि पहाड़ी हाट उनके बिज़नेस का B2C मॉडल है। हिलक्रॉप्स में वो हिमालयन हर्ब्स के साथ साथ पहाड़ों में मिलने वाली दालें, मसालों व मिलेट्स में काम करते हैं। जहां वो किसानों के इन उत्पादों को डायरेक्ट मार्केट लिंकेज करवाते हैं। वो कई बड़ी बायोटेक कंपनीज़, फार्मास्युटिकल कंपनीज़ व चाय की कंपनीज़ के लिए एक कंपलीट B2B सॉल्यूशंस देते हैं। उन्होंने बताया कि उनके पास करीब 50 से ऊपर प्रोडेक्टस हैं जिसमें वो डील करते हैं।
सिर्फ ये ही नहीं इतने बड़े मॉडल को विकसित करने के लिए उनहोंने पहाड़ में सैंकड़ों किसानों के साथ मिलकर एक सप्लाइ चेन मैनेजमेंट के लिए ईको सिस्टम भी डेवलेप किया है जिसके बूते वो आगे इतनी कंपनीज को बल्क में सप्लाई देने में सक्षम हो पाते हैं। दूसरे मॉडल में पहाड़ी हाट ब्रांड के बैनर तले हर्बल टी, शहद, पिस्यु लूण, सीज़निंग्स, कलीनरी हर्ब्स के साथ हैंडीक्राफ्ट्स का भी सामान मार्केट किया जाता है।
ये सभी उत्पाद आर्टिसनल प्रोडेक्ट की कैटेगरी में आते हैं जहां उनके साथ जुड़ी महिलाएं ये काम करती हैं। पहाड़ी हाट में मधुमक्खियों के वैक्स से बनी कैंडल्स भी बहुत पॉपुलर हैं। पहाड़ी हाट के सामान की पूरे भारत में अच्छी डिमांड है। गौरव अग्रवाल ने बताया कि चाय व अन्य उत्पादों के अलावा त्योहारों के सीज़न में कई कंपनीज़ में कॉर्पोरेट गिफ्टिंग के तौर पर पहाड़ी हाट के प्रोडेक्ट भी जाते हैं जिससे उनके साथ जुड़ी महिलाओं को काफी मुनाफा भी होता है। कुल मिलाकर
हिलक्रॉप्स व पहाड़ी हाट जैसे बिज़नेस मॉडल से ना सिर्फ उत्तराखंड के उत्पादों को अलग पहचान मिली है बल्कि पहाड़ के किसानों व हुनरमंद महिलाओं की आजीविका में भी इजाफा हुआ है। और दिल्ली के भारत मंडपम में मिला ये सम्मान उनके काम और मेहनत की असल पहचान है।