हल्द्वानीः गर्मी के शुरू होते ही पानी की समस्या सबसे ज्यादा देखी जा रही है। प्रशासन को पानी ना मिलने से विऱोध का सामना भी करना पड़ रहा है। तल्ली हल्द्वानी , गौजाजाली और कुसुमखेड़ा में पानी की सबसे ज्यादा परेशानी देखी जा रही है। कुसुमखेड़ा के लोग करीब 5 साल से पानी के लिए परेशान है, तो वही तल्ली हल्द्वानी को 2014-15 में मिनी नलकूप की सौगात मिली पर अब तल्ली हल्द्वानी का नलकूप आबादी के हिसाब से छोटा पड़ रहा है। यही कारण है कि अब पानी की समस्या बढ़ती जा रही है। गौजाजाली का हाल भी कुछ तल्ली हल्द्वानी की तरह ही देखा जा रहा है। जिसके बाद अब प्रशासन हरकत में आया है और कुछ हद तक पानी की समस्या को दूर करने की सोच रहा है। यही कारण हैकि विश्व बैंक की मदद से निर्मित की जाने वाली कुसुमखेड़ा पेयजल योजना के तहत नलकूप के साथ ही एक हजार किलोलीटर का टैंक बनेगा। जलनिगम विश्वबैंक परियोजना इकाई ने जमीन की खरीद की कार्रवाई शुरू कर दी है। 750 वर्ग मीटर जमीन का प्रस्ताव देहरादून मुख्यालय भेज दिया है। जलनिगम विश्वबैंक परियोजना के अधिशासी अभियंता हिमांशु वर्मा ने बताया कि विश्वबैंक के सहयोग से कुसुमखेड़ा, फतेहपुर, गौजाजाली और तल्ली हल्द्वानी में पेयजल की नई योजनाएं प्रस्तावित हैं।कुसुमखेड़ा पेयजल योजना का 20.66 करोड़ रुपये का प्रस्ताव स्वीकृत हुआ है। इसके टेंडर किए गए हैं। अभी टेंडर नहीं खुले हैं। नलकूप के साथ ही कुसुमखेड़ा में एक हजार लीटर क्षमता का स्टोरेज टैंक भी बनना है। इसके लिए ग्रामीणों की 750 वर्ग मीटर भूमि का प्रस्ताव देहरादून मुख्यालय भेजा गया है। मुख्यालय से जल्द ही इसकी खरीद की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। उत्तराखण्ड में पानी की समस्या सबसे ज्यादा देखी जा रही है। गांव ही नहीं पहाड़ो में भी पानी की किल्लत सबसे ज्यादा हो रही है। तल्ली हल्द्वानी , गौजाजाली और कुसुमखेड़ा को 2018 के नगर निगम चुनाव में इन क्षेत्रो को निगम में ले लिया गया है, पर व्यवस्था के नाम पर अभीतक कुछ भी नहीं किया गया है।